कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने माना, राष्ट्रीय स्तर पर ‘महागठबंधन’ आसान नहीं

लोकसभा चुनाव 2019 होने में हलाकि अभी काफी समय है लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और अपनी-अपनी रणनीति को साधने की कोशिशें करने लगी हैं। एनडीए गठबंधन वाली मोदी सरकार को हराने के लिए कांग्रेस को एक मजबूत महागठंबधन Mahagathbandhan की जरूरत है। हालांकि, महागठबंन का प्रयास इतना भी आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि कई पार्टियों की यहां अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुरूवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ‘महागठबंधन’ का प्रयास आसान नहीं होगा। सिब्बल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता का आह्वान किया।

पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा कि सभी दलों का साथ आना सबसे सही रहेगा, लेकिन वर्तमान में लोकसभा में कम सीटों वाली कांग्रेस अपनी शर्तें नहीं रख सकती है। इसलिए उसे केन्द्र में गैर-भाजपा सरकार बनाने के लिए राज्यों में गठबंधन करने होंगे। अपनी किताब ‘शेड्स ऑफ टूथ’ के विमोचन से पहले सिब्बल ने कहा कि महागठबंधन आज कहां है? राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनाने का प्रयास आसान नहीं होगा। इसका मतलब है कि कपिल सिब्बल Kapil Sibal को भी पता है कि मोदी सरकार को 2019 में सत्ता से बेदखल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत महागठबंधन की जरूरत है, जिस पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को काम करने की जरूरत है।

बता दें कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था। हालांकि, इस चुनाव में उसे उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली और बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब हो गई। तब से ये कहा जा रहा है कि विपक्ष को बिहार चुनाव की तर्ज पर बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने की जरूरत है। इसके लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक मंच पर आना होगा।

कर्नाटक चुनाव के बाद कुमार स्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में मजबूत विपक्ष को दिखाने की कोशिश की गई थी। इसमें ममता बनर्जी से लेकर, शरद पवार, शरद यादव, तेजस्वी यादव, मायावती और अखिलेश यादव पहुंचे थे।