कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में हटाया हिजाब, गरमाई राजनीति, विपक्ष ने कहा शरिया कानून लागू करने की तैयारी

नई दिल्ली। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार पर हमलावर है। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

ज्ञातव्य है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर प्रतिबंध पिछली भाजपा सरकार की ओर से 2022 में लगाया गया था। अब राज्य पर पूर्व सीएम और भाजपा नेता यदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध हटाने से राज्य में शरिया कानून लागू होने जा रहा है। भाजपा नेता ने कहा अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो पूरे देश में इस्लामिक कानून लागू कर दिया जाएगा।

कर्नाटक सरकार पर हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, यह केवल हिजाब पर प्रतिबंध हटाना नहीं है बल्कि राज्य में शरिया कानून की स्थापना है। अगर देश में राहुल गांधी, कांग्रेस और भारतीय गठबंधन की सरकार बनी तो इस्लामिक कानून लागू किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा क्या बोले

हिजाब पर प्रतिबंध हटाने के कर्नाटक सरकार के फैसले की निंदा करते हुए पूर्व सीएम ने कहा, मैं अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए लिए गए फैसले की निंदा करता हूं। इससे सम्मान नहीं मिलेगा। चूंकि वे सत्ता में हैं, वे एक राजनीतिक सर्कस बनाना चाहते हैं। देखते हैं यह कब तक चलेगा। इस मामले को लेकर भाजपा की ओर से कोई विरोध नहीं किया जाएगा। जनता आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार को सबक सिखाएगी। गारंटी योजनाओं को लागू करने में सक्षम नहीं होने के कारण, कांग्रेस सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। सरकार सूखे के बारे में आसानी से भूल गई है। हिजाब पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय वापस लिया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दूसरे टीपू सुल्तान (मैसूर के पूर्व शासक) बन रहे हैं। हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को वापस लेना उचित नहीं है। हिजाब पर प्रतिबंध भाजपा द्वारा नहीं किया गया है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने छात्रों के बीच समानता सुनिश्चित करने के लिए एक समान नियम लाया था।

यह अल्पसंख्यकों को खुश करने का प्रयास: बोम्मई

पूर्व सीएम बोम्मई ने कहा, 'हिजाब हर जगह पहना जाता है मगर यहां यह ड्रेस कोड का मुद्दा है। सिद्धारमैया स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के बीच भेदभाव पैदा करना चाहते हैं। वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया। वह अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं और उनकी नजर लोकसभा चुनाव पर है। हम इस फैसले की निंदा करते हैं।

भाजपा को संविधान पढ़ने की जरूरत: प्रियांक खरगे

कांग्रेस की ओर से भाजपा के आरोपों पर पलटवार किया गया है। राज्य में सत्ताधारी दल की ओर से कहा गया कि यह कदम कानून के तहत उठाया गया है और इसे लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे व राज्य मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि बीजेपी को संविधान के बारे में जानकारी है। उन्हें संविधान पढ़ने की जरूरत है। कोई भी ऐसा कानून या नीति जो कर्नाटक की प्रगति के लिए सही नहीं है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम उस कानून या नियम को हटाएंगे और यही किया भी गया है।'