UP में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, कद्दावर नेता अजय कपूर ने छोड़ा साथ, थामा भाजपा का दामन

कानपुर। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के करीबी नेताओं में शामिल रहने वाले और कानपुर से 3 बार के विधायक रहे अजय कपूर ने बुधवार को कांग्रेस का साथ छोड़ते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। अजय कपूर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव होने के साथ-साथ बिहार के सह प्रभारी भी थे। अजय कपूर के भाजपा में जाने के बाद से कानपुर के कांग्रेस नेताओं को बड़ा झटका लगा है। अजय कपूर, यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना के रिश्तेदार भी हैं।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हुआ है, जिसके तहत कानपुर की लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में आ गई थी। ऐसे में माना जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में कानपुर सीट से अजय कपूर को टिकट देगी। प्रदेश स्तरीय चुनाव संचालन समिति की बैठक में भेजे गए दावेदारों के पैनल में उनका नाम सबसे ऊपर था। हालांकि इससे पहले ही कांग्रेस के साथ खेला हो गया और नाम की घोषणा होने से पहले ही अजय कपूर ने भाजपा का दामन थामन लिया। वह, यूपी विधानसभा के अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता सतीश महाना के रिश्तेदार भी हैं। बता दें कि अजय कपूर के दो भाई भारतीय चेस फेडरेशन के अध्यक्ष संजय कपूर और बिजनेसमैन विजय कपूर पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे।



अजय कपूर को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी नेताओं में से एक माना जाता था। वह कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहे दो बार गोविंद नगर से और एक बार किदवई नगर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस बार उनकी कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की थी।


कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके अजय कपूर और उनके भाई उद्यमी विजय कपूर भी ईडी की जांच के दायरे में आ चुके हैं। जनवरी 2019 में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कपूर बंधुओं के कारोबारी दस्तावेजों की घंटों तक जांच पड़ताल और पूछताछ की थी। ईडी की टीम घर और ऑफिस गई थी। फैक्ट्रियों व स्कूल के पेपर की जांच करने के बाद लौट गई थी।