मैंने अपना इस्तीफ़ा 10 दिन पहले ही राहुल गांधी को भेज दिया था : ज्योतिरादित्य सिंधिया

कांग्रेस में उथल पथल का दौर जारी है। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है। आज ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्‍तीफा दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'जनता के फैसले को स्वीकार करते हुए और ज़िम्मेदारी लेते हुए मैंने महासचिव पद से अपना इस्तीफ़ा राहुल गांधी को सौंप दिया है। मैं यह जिम्‍मेदारी देने के लिए और हमारी पार्टी की सेवा करने का अवसर दिए जाने के लिए उनका धन्‍यवाद करता हूं।'

आम चुनावों के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का प्रभार सौंपा गया था, जहां पार्टी को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा था। समाचार एजेंसी एएनआई से एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि 'वो अपना इस्तीफ़ा दस दिन पहले ही राहुल गांधी को' भेज चुके थे।

सिंधिया ने कहा, 'मैंने अपना इस्तीफ़ा आज नहीं दिया है, मैंने अपना इस्तीफ़ा अध्यक्ष राहुल गांधी को दस दिन पहले ही दे दिया था। आज ख़बरों में प्रकाशित हुआ तो मैंने सोचा कि मैं स्वतः ही अपनी तरफ़ से इसका एलान कर दूँ।'

सिंधिया ने कहा, 'उत्तरदायित्व के साथ एक और शब्द जोड़ा जाता है, वो है जवाबदेही। और जहाँ प्रदर्शन अच्छा ना हुआ हो, तो अपनी अंतरआत्मा से मैं ऐसा मानता हूँ कि इसकी ज़िम्मेदारी मेरी भी है और इसलिए मेरे मन में जो भावना है उस आधार पर मैंने ये क़दम उठाया।'

इससे पहले रविवार को ही मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी ये कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया कि वो पार्टी को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाना चाहते हैं। 26 जून को नई दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात के बाद देवड़ा ने इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की थी। देवड़ा के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है, 'इसके बारे में मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को अवगत कराया गया है।'