कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिए जाने के बाद गोवा और मणिपुर में कांग्रेस पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों ने झंडा बुलंद कर दिया है। बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी और कांग्रेस ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के कार्यवाहक राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके अलावा कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र सौंपकर सदन में बहुमत साबित करने का न्योता देने की मांग की।
बिहार: राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि हमने राज्यपाल को 111 विधायको का समर्थन पत्र सौंपा है। अगर महागठबंधन को सरकार बनाने का मौका दिया जाएगा तो वे सदन में बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि उनके साथ के सहयोगी विधायक पलटू राम नही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि बिहार में राज्यपाल के निर्णय का इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
गोवा: कर्नाटक में चल रहे सियासी दंगल के बाद आज गोवा में 13 विधायक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा वहीं दूसरी ओर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी के विधायक, कांग्रेस और सीपीआई के विधायकों के साथ मिलकर राज्यपाल को पत्र सौंपा। पांचों राज्यों में विपक्ष की सीटें सबसे ज्यादा हैं, लेकिन सरकारें भाजपा-एनडीए की हैं।
मणिपुर: पिछले साल मणिपुर के चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला। विधानसभा की कुल 60 सीटों में से कांग्रेस को 28, भाजपा को 21 सीटें मिलीं। राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया। बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 10 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। उसे 4 नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), 4 नेशनल पीपुल्स पार्टी, 1 लोक जनशक्ति पार्टी, 1 टीएमसी और 1 कांग्रेस विधायक ने सपोर्ट किया।