धरती से 3,600 प्रकाश वर्ष दूर दो विशाल ग्रहों का टकराव, नासा ने ढूँढ़ी नई दुनिया

नई दिल्ली। नासा के वैज्ञानिकों ने धरती से लगभग 3,600 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक दो विशाल ग्रह टकराव के परिणाम के बाद की घटना की तस्वीर कैद की है। इसके लिए उन्होंने नासा के आसमान की निगरानी के लिए डिज़ाइन किए गए अंतरिक्ष यान का उपयोग किया है। इस अभूतपूर्व खोज में वैज्ञानिकों ने दो विशाल बर्फीले ग्रहों की हिंसक विलय का पता लगाया है। जिसके परिणामस्वरूप वाष्पीकृत चट्टान और पानी से बना एक विशिष्ट डोनट के आकार का बादल बन गया है.

न्यूज 18 के अनुसार न्यू साइंटिस्ट ने रिपोर्ट में दावा किया है कि यह घटना वास्तविक समय में एक नई दुनिया के जन्म को देखने और संभावित रूप से ग्रह निर्माण के रहस्यों को उजागर करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। खगोलविदों की समूह ने एक व्यक्ति की जिज्ञासा को संतुष्ट करने के लिए ASASSN-21 qj नामक तारे के अजीबोगरीब व्यवहार का अध्ययन शुरू किया। पृथ्वी से 3,600 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित इस तारे ने एक यूनिक पैटर्न दिखाया, जिससे दुनिया भर के वैज्ञानिकों की इसमें रुचि जगी।

खगोलविदों की टीम ने दो साल तक इस अजीब ASASSN-21 qj तारे का अध्ययन किया। सावधानीपूर्वक इसकी सभी डिटेल्स को नोट किया, साथ ही यह भी सामने लाया कि समय के साथ इसकी चमक कैसे विकसित हुई। उनके शोध की रिजल्ट 11 अक्टूबर को नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।

लीडेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के सह-प्रमुख मैथ्यू केनवर्थी ने इस अचानक किए गए खोज के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर एक खगोलशास्त्री ने बताया कि ऑप्टिकल फ़ेडिंग से एक हज़ार दिन पहले तारा इन्फ्रारेड के रूप में चमक रहा था। मुझे तब पता था कि यह एक असामान्य घटना है। ईमानदारी से कहूं तो, यह अनुभव मेरे लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला था।”

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता और सह-प्रमुख लेखक साइमन लॉक ने विस्तार से बताया, “हमारी गणना और कंप्यूटर मॉडल चमकते वस्तु के तापमान और आकार को इंगित करते हैं, साथ ही चमक कितने समय तक चली है। दो बर्फीले विशाल एक्सोप्लैनेट की टक्कर के की तरह है।”