लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने के पक्ष में पड़े 293 वोट, अमित शाह ने कांग्रेस पर बोला हमला

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश हो गया है। संसद में बिल पर चर्चा करने के प्रस्ताव के पक्ष में 293 जबकि विपक्ष में 82 वोट पड़े हैं। शिवसेना ने बिल को पेश करने के समर्थन में वोट किया है। अब सत्तापक्ष और विपक्ष बिल पर चर्चा करेंगे जिसके बाद इसपर वोटिंग कराई जाएगी। यदि विधेयक लोकसभा से पास हो जाता है तो इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करते हुए कहा कि मैं पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये बिल संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता है। सभी ने अनुच्छेद 14 का उल्लेख किया। ये अनुच्छेद कानून बनाने से रोक नहीं सकता। पहली बार नागरिकता पर फैसला नहीं हो रहा है। 1971 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा था कि बांग्लादेश से आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। कांग्रेस शासन में युगांडा से आए लोगों को नागरिकता दी गई।

सदन में हंगामा होने पर शाह ने कहा कि सरकार को पांच साल के लिए चुना है, हमें सुनना पड़ेगा। उन्होंने कहा, भारत से सटे तीन देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान का प्रमुख धर्म इस्लाम है। अफगानिस्तान का संविधान कहता है कि यहां का धर्म इस्लाम है, संविधान के मुताबिक, पाकिस्तान राज्य का धर्म भी इस्लाम है।

पाकिस्तान, बांग्लादेश में मुसलमान पर अत्याचार होगा? ये कभी नहीं होगा। तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की धार्मिक प्रताड़ना होती है। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन किया। विभाजन नहीं हुआ होता तो इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती। कांग्रेस ने हमें मजबूर किया।

अगर कोई मुसलमान हमारे कानून के आधार पर अपील करता है तो उसे सुना जाएगा। चूंकि उनके साथ धार्मिक प्रताड़ना नहीं हुई है, इसी आधार पर ये बिल लाया गया है और छह धर्मों हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी नागरिकों को नागरिकता का प्रावधान किया गया है।