नागरिकता कानून: बंगाल में बवाल, ट्रेन-बसें जलाईं, नैशनल और स्टेट हाइवे ठप, लंदन में भी विरोध

नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में बवाल मचा हुआ है. शनिवार को नागरिकता कानून के विरोध में बंगाल में कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद आगजनी और हिंसा की घटनाएं थमी नहीं है। राज्य में मुर्शिदाबाद, हावड़ा, मालदा और उत्तर 24 परगना जिले में तनाव के हालात हैं। विरोध कर रहे लोगों के निशाने पर बसें, ट्रेन, पुलिस की गाड़ियां और रेलवे स्टेशन हैं। कई जगह पुलिस से हिंसक झड़प की भी खबर है। हिंसक प्रदर्शनों की वजह से लंबी दूरी की 28 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों दोपहर को हावड़ा में कोना हाईवे जाम कर दिया था। पुलिस ने उन्हें खदेड़ा तो 10 बसों में आग लगा दी गई। इस दौरान पथराव में एक पुलिसकर्मी जख्मी हुआ। प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर मुर्शिदाबाद में नजर आया। विरोध कर रहे लोगों ने शुक्रवार को यहां के बेलदंगा स्टेशन और लोको एरिया में आगजनी की थी। इस दौरान आग बुझाने आ रही दमकल की गाड़ी भी जला दी गई थी। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में बच्चों को ढाल बनाकर पुलिस पर हमला करने की जानकारी सामने आई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कानून तोड़ने वालों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। शांति की अपील करते हुए सीएम ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि कानून अपने हाथ में मत लें। रोड ब्लॉक करके या ट्रेन रोककर सड़कों पर निकले आम लोगों के लिए परेशानी न खड़ी करें। सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। जो भी गड़बड़ी फैलाते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद का लालगोला स्टेशन बर्बाद हो गया है। कृष्णापुर स्टेशन पर पांच खाली ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। जंगीपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ के पथराव में हेड कॉन्स्टेबल संतोष कुमार दास गंभीर रूप से घायल हो गए। नीमतीता स्टेशन के टिकट काउंटर पर तोड़फोड़ की गई। मालदा में भी इसी तरह का हिंसक मंजर देखने को मिला है। हरिश्चंद्रपुर स्टेशन पर टिकट काउंटर और सिग्नल रूम पर हमला बोला गया। भीड़ ने कटिहाल-मालदा एक्सप्रेस ट्रेन को भी निशाना बनाया।

दक्षिण-पूर्व रेलवे (एसईआर) के एक अधिकारी का कहना है, 'संकरेल स्टेशन के अलावा भीड़ ने चेंगेल और फुलेश्वर स्टेशन में घुसकर तोड़फोड़ की। इस दौरान पैनल रूम के ताले तोड़कर रेलवे स्टाफ को बाहर कर दिया गया। नलपुर स्टेशन को भी भीड़ ने निशाना बनाया। बौरिया में मालदा टाउन के लिए जाने वाली एक मालगाड़ी के इलेक्ट्रिक उपकरण तोड़ दिए गए।'

नैशनल और स्टेट हाइवे ठप

नैशनल और स्टेट हाइवे ठप होने की वजह से राज्य में हजारों मुसाफिर फंस गए हैं। लंबी दूरी की कम से कम 28 ट्रेनों को रद्द किया गया है। इसके साथ ही 50 लोकल ट्रेनें भी कैंसल कर दी गई हैं। कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा है। हावड़ा में कोना एक्सप्रेस-वे हिंसक प्रदर्शनों का केंद्रबिंदु बना हुआ है। यहां प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों को उतारकर 17 सिटी बसें फूंक दीं। बता दें कि यह इलाका राज्य सचिवालय से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक कि भीड़ ने आग बुझाने आ रही फायर ब्रिगेड का रास्ता रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करते हुए कई गाड़ियों को जला दिया, जिससे यहां पांच घंटे तक ट्रैफिक बंद रहा। कई यात्रियों का कहना है कि उनसे लूटपाट भी की गई है।

हावड़ा में शेखपुरा से मौखाली को जोड़ने वाला दो किलोमीटर का इलाका युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गया है। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। भीड़ ने संकरेल रेलवे स्टेशन को भी निशाना बनाया और यहां टिकट काउंटर के साथ ही सिग्नल (पैनल) रूम को जला दिया। प्रदर्शनकारियों ने इसके अलावा सलप में एनएच-6 और बौरिया, नोलपुर और बगनान में रोड जाम कर दी, जिससे पूरे हावड़ा में आवागमन ठप है। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर से लेकर दक्षिणी बंगाल में कई पॉइंट्स पर नैशनल हाइवे-34 को ब्लॉक कर दिया।

लंदन में भी नागरिकता कानून का विरोध

देश के अलावा विदेश में भी अब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं.
लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर असम मूल के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह धर्म को बांटने वाला और धार्मिक भेदभाव पर आधारित है. उन्होंने कहा कि हम अपने असम के परिवारों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं. हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाए. लंदन में प्रदर्शनकारियों ने असम में रहने वाले अपने परिजनों को होने वाली तमाम परेशानियों के बारे में बताया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस समय असम में हमारे परिवार मुसीबत में फंसे हुए हैं. परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है क्योंकि फोन सेवा ठप है. अस्पतालों की भी हालत खराब है. बहरहाल, अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, कनाडा और सिंगापुर समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन से गुजर रहे पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा करने के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है.

अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल के लिए जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

पूर्वोत्तर में जारी विरोध के चलते अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। अमेरिकी एडवाइजरी में कहा गया है कि उसने अस्थाई तौर पर असम की आधिकारिक यात्रा भी स्थगित कर दी है। उधर, प्रदर्शन के बाद दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 42 छात्रों को हिरासत में लिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी परीक्षाएं आगे बढ़ा दी हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में 16 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा।

पूर्वोत्तर के राज्यों में जारी उग्र विरोध के चलते जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15-16 दिसंबर को गुवाहाटी में होने वाली मुलाकात टाल दी गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन, गृह मंत्री असदुज्जामन खान ने भी भारत दौरा रद्द कर दिया।