न्यूजीलैंड मस्जिद हमला: 'चलो पार्टी शुरू करते हैं' बोलकर हमलावर ने बरसाईं थी गोलियां, अब तक 49 की मौत, 9 भारतीय लापता

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की 2 मस्जिदों में अंधाधुंध फायरिंग करने वाले हमलावरों में मुख्य हमलावर की शिनाख्त हो गई है। हमलावर की पहचान 28 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई श्वेत नागरिक के तौर पर हुई है। उसका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। अभी आठ साल पहले ही एक गंभीर बीमारी के कारण उसके पिता का निधन हो गया था। उसने ज्यादा पढ़ाई लिखाई नहीं की और पैसे कमाने के लिए दुनिया के भ्रमण पर निकल गया। इस हमले में अब तक कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 48 से ज्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। हमले के बाद से 9 भारतीय भी लापता हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर ने फेसबुक पर लाइवस्ट्रीमिंग शुरू की थी। वीडियो की शुरुआत में ब्रेंटन 'चलो पार्टी शुरू करते हैं' कहता सुनाई दे रहा है। टैरंट ने गुरुवार रात को ही फेसबुक पर पोस्ट पर शेयर करते हुए लिखा था कि वह 'आक्रमणकारियों' पर हमला करेगा और उसे फेसबुक पर लाइव दिखाएगा। इस घटना की लाइवस्ट्रिमिंग हमलावर ने उस वक्त शुरू किया, जब वो अल नूर मस्जिद में के बाहर गाड़ी पार्क कर रहा था। 17 मिनट के इस वीडियो में देखा गया कि ढेर सारे हथियार और विस्फोटक लेकर वो गाड़ी में आगे की सीट पर बैठा था। उसके पास पेट्रोल के कंटेनर भी थे। गाड़ी से उतरते ही उसने सबसे पहले मस्जिद की गेट पर फायरिंग की। इसके बाद तो वो ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगा। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। लोग भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमलावर लगातार गोलियां बरसा रहा था। बार-बार वो अपनी बन्दूक में गोलियां लोड कर रहा था। ब्रिटिश अखबार 'द सन' के मुताबिक हमलावर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैन है। वह ट्रंप को गोरों की नई पहचान और साझा उद्देश्य के लिए प्रतीक भी मानता है। साथ ही हमलावर को व्हाइट सुप्रीमेसी की सनक भी है। हमला करने से पहले उसने लिखा, 'अटैक करने वालों को दिखाना है कि हमारी भूमि कभी उनकी नहीं होगी। जब तक एक भी गोरा व्यक्ति रहेगा, वे कभी जीत नहीं पाएंगे।'

हमलावर ने सोशल मीडिया पर 74 पृष्‍ठों का एक दस्‍तावेज भी पोस्‍ट किया। उसने इस जघन्‍य वारदात को बदले की भावना से अंजाम देना बताया गया है। उसने खुद को एक 'श्वेत राष्ट्रवादी' बताया है। जो आव्रजकों से बेहद घृणा करता है। यह शख्‍स यूरोप में इस्‍लामिक आतंकियों के हमलों से नाराज था। इसके कारण वह बदला लेना चाहता था और भय पैदा करना चाहता था। वह इस घटना को अंजाम देकर अपनी ओर लोगों का ध्यान भी खींचना चाहता था। हमलावर को इस वारदात के बाद बच निकलने की उम्मीद थी। ताकि वह सोशल मीडिया पर अपनी बात को बेहतर तरीके से रख सके।