चित्तौड़गढ़: बाल संप्रेषण गृह में नाबालिग ने की आत्महत्या की कोशिश, पहले भी कर चुका है ऐसा

चित्तौड़गढ़। बाल संप्रेषण गृह में गुरूवार को सुबह करीब 9.30 बजे एक नाबालिग नहाने के लिए बाथरूम में गया। इस दौरान बाथरूम के गेट के ऊपर रोशनदान की खाली जगह पर उसने अपने पायजामे को बांधा और उससे फंदा लगाने की कोशिश की। वो बाल्टी के ऊपर चढ़कर फंदा लगा रहा था। इधर नहाने में उसे थोड़ा समय लगा तो बाहर घूम रहे गार्ड को शक हुआ। गार्ड ने बाथरूम का दरवाजा खोल कर देखा तो नाबालिग लटक रहा था। गार्ड ने तुरंत उसे उतारा और जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान बाल सुधार गृह के अधीक्षक चंद्र प्रकाश जीनगर भी मौजूद रहे। अभी नाबालिग की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है और उसे ICU में भर्ती किया गया है। सूचना के बाद उपखंड अधिकारी बीनु देवल, डीएसपी चित्तौड़ विनय चौधरी और सदर थाना अधिकारी गजेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे।

1 महीने पहले भी की थी जान देने की कोशिश


इससे पहले भी करीब 1 महीना पहले नाबालिग ने अपनी हाथ की नस काट कर सुसाइड करने की कोशिश की थी। उस दौरान भी उसे बचा लिया गया। काउंसलर के काउंसलिंग करने और माता-पिता के समझाने पर उसने दोबारा ऐसी कोशिश न करने की भी बात कही थी। उसके बाद से वह नॉर्मल ही था।

माता-पिता को बिस्किट लाने के लिए कहा था

एसडीएम बीनू देवल ने बताया कि 15 साल के नाबालिग को साल 2024 के सितंबर महीने में लाया गया था। बालक पर पॉक्सो का मामला विचाराधीन है। सुबह उसने अपने माता-पिता से फोन पर बात की और उसने पूछा कि मुझसे मिलने कब आ रहे हो। इस पर उसके माता-पिता ने गुरूवार को ही उससे मिलने की बात कही थी। जिस पर नाबालिग ने अपने माता-पिता को बिस्किट लाने के लिए भी कहा।