राजस्थान : बीते 10 सालों में सबसे कम रहा प्रदूषण, भिवाड़ी रहा सबसे ज्यादा प्रदूषित

प्रदूषण एक बड़ी समस्या हैं जिससे पूरा विश्व सामना कर रहा हैं। प्रदेश में भी प्रदूषण के हालात अस्थिर हैं। हांलाकि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से प्रदेश में बीते 10 सालों में सबसे कम प्रदूषण रहा हैं। लाॅकडाउन में औद्याेगिक क्षेत्र, सड़काें पर ट्रैफिक और मानव गतिविधियां बंद हाेने से पाॅल्यूशन का लेवल बीते 10 साल में सबसे नीचे के पायदान पर आ गया था।

अगर राजस्थान के लिहाज बीते 10 साल के प्रदूषण के आंकड़ाें की बात करें ताे इन सालाेें में अलवर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। प्रदेश के आठ प्रमुख शहराें में बीते 10 साल में अलवर में साल 2013 में सबसे ज्यादा औसत एक्यूआई लेवल 245 तक पहुंचा था। वहीं इन सालाें में सबसे साफ हवा चित्ताैड़गढ़ की रही, यहां 2019 में औसत एक्यूआई लेवल 100 दर्ज हुआ था।

लाॅकडाउन में सभी शहरों का एक्यूआई 100 के आसपास था, लेकिन भिवाड़ी का 154 था

लाॅकडाउन में सभी प्रमुख शहराें में कल-कारखाने, फैक्ट्रियां, वाहन सहित अन्य गतिविधियां बंद हाेने से हवा साफ हो गई थी। एक्यूआई लेवल 100 के आसपास आ गया था। इसके बावजूद औद्याेगिक नगरी भिवाड़ी में एक्यूआई लेवल प्रमुख शहराें में सबसे ज्यादा दर्ज हुआ। इस साल भिवाड़ी में औसत एक्यूआई लेवल 154 तक पहुंचा, जबकि अन्य सात शहर अलवर, भरतपुर, चित्ताैड़गढ़, जयपुर, जाेधपुर, काेटा और उदयपुर 150 से भी नीचे रहा।

दीवाली पर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा तो 50 फीसदी कम हो गया पाॅल्यूशन

इस बार आतिशबाजी और पटाखाें की बिक्री पर प्रतिबंध से 5 शहर अजमेर, अलवर, जयपुर, पाली और जाेधपुर में पाॅल्यूशन पिछली दीवाली के मुकाबले 50% कम हाे गया था। तीन शहर भिवाड़ी, जाेधपुर और काेटा में एक्यूआई 10 से 15% ज्यादा रहा था। जयपुर की हवा सबसे साफ रही। यहां एक्यूआई लेवल येलाे कैटेगिरी यानी 142 ही दर्ज हुआ, जबकि सबसे ज्यादा प्रदूषित भिवाड़ी रहा, यहां एक्यूआई लेवल 344 तक पहुंच गया।