COVID-19 : चीन ने शुरू किया वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का पहला चरण

चीन और अमेरिका कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दौड़ में लगे हैं। हालांकि, एक सुरक्षित और कारगर दवा बनाने में समय लग सकता है। अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ और मैसचूसिट्स की बायोटेक्नॉलजी कंपनी मॉडर्ना इंक की बनाई वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए आने में अभी डेढ़ साल लग सकता है। अमेरिका ने ऐलान किया था कि उसने mRNA-1273 नाम की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। ऐसे में चीन ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का पहला फेज शुरू कर दिया है। यह चीन के मिलिटरी साइंटिस्ट ने तैयार की है। इसी महीने 17 मार्च को चीन की क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री में की गई एक एंट्री के मुताबिक ट्रायल इस साल के अंत तक जारी रहेगा। शनिवार को साइंस ऐंड टेक्नॉलजी डेली ने जानकारी दी थी कि 18 से 60 साल की उम्र के वॉलंटिअर्स का पहला बैच तैयार किया गया है। इन्हें 3 ग्रुप्स में बांटा गया है और हर ग्रुप में 36 लोग हैं।

इन 108 लोगों को 14 दिन के लिए अलग-अलग मात्रा में दवा देकर क्वॉरंटीन किया जाएगा। 6 महीने तक इन पर होने वाले असर को मॉनिटर किया जाएगा। एक स्टाफ मेंबर के मुताबिक इन लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। फिलहाल कोई भी अप्रूव्ड वैक्सीन COVID19 को रोकने के लिए तैयार नहीं है।