प्रधानमत्री मोदी के संबोधन के बाद चीन के तेवर हुए नरम, मतभेद सुलझाने की कही बात

74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया गया था जिसमें उन्होनें कहा था कि ‘एलओसी से एलएसी तक’ देश की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस बयान पर पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से प्रतिक्रिया मांगी। इसके जवाब में उन्होनें नरमी दिखाते हुए कहा कि वह आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।

उन्होंने कहा, हम करीबी पड़ोसी हैं, एक अरब से ज्यादा आबादी के साथ हम उभरते हुए देश हैं। इसलिए द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति ना केवल दोनों देशों के लोगों के हित में है बल्कि यह क्षेत्र और समूचे विश्व की स्थिरता, शांति और समृद्धि के हित में भी है।

झाओ ने कहा, दोनों पक्षों के लिए सही रास्ता एक दूसरे का सम्मान और समर्थन करना है क्योंकि यह हमारे दीर्घकालिक हितों को पूरा करता है। प्रवक्ता ने कहा, इसलिए चीन आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और व्यावहारिक सहयोग तथा दीर्घावधि में द्विपक्षीय संबंधों के हितों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।