चीन की ब्रिटेन पर जैसे को तैसा वाली कार्रवाई, लगाया 9 नागरिकों व चार संस्थानों पर प्रतिबंध

ब्रिटेन और चीन के रिश्तों में खटास दिखाई दे रही हैं जिसमें वे एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगाने की करवाई कर रहे हैं। ब्रिटेन द्वारा चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकार हनन के आरोप में बीजिंग पर प्रतिबंध लगाए गए थे जिसका बदला लेते हुए चीन ने अब ब्रिटेन के 9 नागरिकों व चार संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। चीन में अब इन राजनयिकों और संगठनों की संपत्ति जब्त करने के साथ कई कार्रवाई की जाएंगी। चीनी विदेश मंत्रालय ने पाबंदियों की पुष्टि करते हुए कहा कि ब्रिटेन ने हमारे नागरिकों पर एकतरफा कार्रवाई की थी।

चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रतिबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि उसने ब्रिटेन के पूर्व कंजर्वेटिव पार्टी के नेता इयान डंकन स्मिथ और विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम तुगेंदत, पाकिस्तानी मूल के नुसरत गनी और टिम लॉटन के अलावा हाउस ऑफ लार्ड्स के चेयरमैन बैरोनेस कैनेडी तथा लॉर्ड एल्टन पर रोक लगा दी है। चीन ने रिसर्च ग्रुप ऑफ एमपी और एसेक्स कोर्ट चैंबर्स समेत चार संगठनों को भी प्रतिबंधों की सूची में शामिल किया है। ये संगठनों ने शिनजियांग में चीनी कार्यों को नरसंहार के रूप में वर्णित किया था। इससे पहले ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने उइगर मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार हनन को लेकर चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंधों का एलान किया था।

चीन में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ग्राहम फ्लेचर ने, उसे बदला लेने वाला और गैर भरोसेमंद व्यापार साझेदार बताया है। यह बयान तब आया है जब ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने चीन के सबसे महत्वपूर्ण बाजार में निर्यात में आयी भारी गिरावट का खुलासा किया। फ्लेचर ने कहा, चीन की व्यापारिक गतिविधियों से ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।