Children's Day: आखिर 14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस, जाने 'चाचा नेहरू' के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू (Jawahar Lal Nehru) का जन्‍म 14 नवंबर (November 14) को हुआ था। उनके जन्मदिन को देश भर में बाल दिवस (Children's Day) के रूप में मनाया जाता है। ‘चाचा नेहरू‘ के नाम से प्रसिद्द जवाहरलाल नेहरू का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में आज ही के दिन हुआ था। आजाद भारत के पहले प्रधानमन्त्री बनने वाले जवाहरलाल नेहरू एक कश्मीरी पंडित थे। उन्‍हें बच्चों से बहुत प्यार था। यही वजह है कि बच्‍चे आज भी उन्‍हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं। नेहरू कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बाल दिवस (Bal Diwas) के दिन स्कूलों में तरह-तरह के रंगारंग कार्यक्रमों, मेलों और ढेर सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस दिन स्‍कूलों में बच्‍चों के बीच मिठाई और टॉफियां बांटी जाती हैं। कई जगह बच्‍चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं।

कैसे हुई बाल दिवस मनाने की शुरुआत

भारत में 1964 से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन यानी 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। 27 मई 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर माना जाए। इस तरह से भारत को दुनिया से अलग अपना एक बाल दिवस मिला। इससे पहले 1954 में संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। यही वजह है कि आज भी कई देशों में 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनया जाता है, जबकि कई देश ऐसे हैं जो 1 जून को बाल दिवस मनाते हैं। बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं और स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजिक कराए जाते हैं।

बाल दिवस (Bal Diwas) का इतिहास

बाल दिवस साल 1925 से मनाया जाने लगा था, लेकिन यूएन ने 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से मनाया जाने लगा। सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाएगा।

कैसे मनाया जाता है बाल दिवस

- बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं।

- इस दिन स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजित किया जाता है, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।

- बाल दिवस के दिन कई स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का आयोजन होता है।

- कई स्कूलों में बाल दिवस के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है।

'चाचा नेहरू' के जीवन से जुडी कुछ रोचक बातें

* जवाहर लाल नेहरू की ही याद में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता हैं।

* नेहरू बचपन से ही इंग्लिश स्कूल में पढ़े थे, उन्हें गांवो में घूम-घूमकर हिंदी बोलनी आई थी।

* नेहरू के कपड़े धुलने के लिए लंदन जाते थे।

* जवाहरलाल नेहरू के नाम पर एक युनिवर्सटी भी हैं जिसे हम JNU के नाम से जानते हैं।

* जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा लहराने वाले पहले शख्स थे।

* बताया जाता हैं कि चंद्र शेखर आजाद ने रूस जाने के लिए जवाहर लाल नेहरू से 1200 रूपये उधार माँगे थे।

* जवाहर लाल नेहरू ने 20 साल तक सुभाष चंद्र बोस के परिवार की जासूसी करवाई थी।

* फरवरी 1950, में पिलानी (राजस्थान) में जवाहर लाल नेहरू के स्वागत में हरी सब्जियों और गाजर-मूली से स्वागत द्वार बनाए गए थे। नाराज होकर नेहरू ने सब गरीबों में बँटवा दिया।

* जवाहर लाल नेहरू एक बार लंदन जाने वाले थे। उनके नाई ने कहा ‘मेरे पास घड़ी नही हैं‘ इसलिए मैं अक्सर लेट हो जाता हूँ। तो नेहरू उसके लिए लंदन से अच्छी घड़ी लेकर आए थे।

* संसद में जब गो हत्या को लेकर प्रस्ताव रखा गया था तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था अगर गो हत्या का प्रस्ताव पास होता हैं तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूँगा।

* JRD Tata ने ब्यूटी प्रोडक्ट लैक्मे महिलाओं के लिए नही बल्कि जवाहर लाल नेहरू के कहने पर बनाया था।

* नेहरू को खाना खाने के बाद 555 ब्रांड का सिगरेट पीने की आदत थी। एक बार नेहरू जी भोपाल गए थे और उनकी सिगरेट खत्म हो गई ये सिगरेट पूरे भोपाल में नही मिली तो एक विशेष विमान में इंदौर से सिगरेट लाई गई।

* महात्मा गांधी की अपील पर जब पूरा देश विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहा था, तो उस समय नेहरू को भी अपना बेस्ट कोट फेंकना पड़ा। इसके बाद ही उन्होनें खादी का जैकेट पहनना शुरू किया था।

* जवाहरलाल नेहरू पर चार बार जानलेवा हमला हुआ था, पहली बार 1947 में बंटवारे के दौरान उन पर हमला हुआ था। तब वे भारत-पाकिस्तान सीमा पर थे। इसके बाद 1955 में महाराष्ट्र में चाकू से हमला किया गया। 1956 में बम से रेल की पटरी उड़ाने की कोशिश भी नाकाम हो गई थी।

* जवाहरलाल नेहरू की मौत 27 मई 1964 को हार्ट अटैक से हुई थी। उनके अंतिम संस्कार में 15 लाख लोग शामिल हुए थे।