गुना हादसे के पीड़ितों से मिले मुख्यमंत्री यादव, उठाया बड़ा कदम, आरटीओ और सीएमओ को किया निलम्बित

गुना। बुधवार रात गुना हादसे में 13 लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार सख्त है। बस का न बीमा था और न ही फिटनेस। रोड टैक्स भी खत्म हो चुका था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना में कार्रवाई करते हुए गुना आरटीओ रवि बरेलिया और सीएमओ बीडी कतरोलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि घटना में जो जिम्मेदार है, उसे नहीं छोड़ा जाएगा।

ज्ञातव्य है कि बुधवार को गुना से आरोन जा रही बस की डंपर से टक्कर हुई थी। इसके बाद बस में आग लग गई। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीडब्ल्यूडी और कृषि विभाग की समीक्षा बैठक टाल दी है। सीएम घायलों का हाल जानने गुना पहुंचे हुए हैं।

जांच समिति गठित

गुना में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के बाद जांच समिति गठित हो गई है। तीन दिन में यह समिति राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। गुना के अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके नेतृत्व वाली समिति में गुना एसडीएम दिनेश सावले, ग्वालियर से संभागीय उप परिवहन आयुक्त अरुण कुमार सिंह और गुना के विद्युत सुरक्षा सहायक यंत्री प्राणसिंह राय भी शामिल हैं। समिति घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगी। इनमें दुर्घटना के कारण, दुर्घटनाग्रस्त बस और डम्पर को प्राप्त विभिन्न अनुमतियों, बस में आग लगने के कारण, उत्तरदायी विभागों की भूमिका आदि की जांच शामिल है। तीन दिन में यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी।

जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे


मुख्यममंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैंने हादसे के बाद कलेक्टर-एसपी से बात की थी। यह घटना हृदयविदारक है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। मैंने जांच के आदेश दिए हैं। बस का परमिट नहीं था तो वह कैसे चल रही थी। जिस टर्निंग पॉइंट पर यह टक्कर हुई, उसका क्या कर सकते हैं, यह भी देखेंगे। सभी डेंजर जोन को चिह्नित कर ठीक किया जाएगा। जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे। मैं दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हूं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के साथ ही ऐसी घटनाएं न हों, इसके प्रबंध भी किए जाएंगे।

आर्थिक सहायता और इलाज की सुविधा मिलेगी

डॉ. यादव ने बुधवार को ही घटना की जांच के आदेश दिए थे। आर्थिक सहायता की घोषणा भी की थी। मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई है। घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए हैं।

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने उठाए सवाल


इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने दुर्घटनाग्रस्त बस के कागज सोशल मीडिया पर शेयर किए। साथ ही लिखा कि ‘महोदय, बस 15 वर्ष पुरानी है। रोड पर कैसे चल रही थी? फिटनेस, बीमा नहीं है। RC डिटेल डाली है। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी है। मोहन (यादव) सरकार को सुदर्शन चक्र चलना पड़ेगा विभाग पर। ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।’