CM भजनलाल को फिर मिली जान से मारने की धमकी, अशोक गहलोत ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन को बुधवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। साथ, जयपुर के एक क्रिकेट स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस धमकी के बाद राज्य में उच्च स्तरीय सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि 'दिविज प्रभाकर' नाम के एक ईमेल खाते से यह धमकी भरा ईमेल भेजा गया था। ईमेल में मुख्यमंत्री और अधिकारी को जान से मारने और उनके 'टुकड़े कर देने' की धमकी दी गई है। इसके अलावा, ईमेल में दावा किया गया है कि व्यक्तिगत शिकायतों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए स्टेडियम में विस्फोटक लगाए जाएंगे।

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि ईमेल कई लोगों को मिला। इनमें मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध एक सरकारी पता और एक निजी व्यक्ति शामिल है। कथित संदेश में बलात्कार, दहेज उत्पीड़न के आरोप और कथित आरोपियों का जिक्र है।

अशोक गहलोत ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल


राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के पवन को जान से मारने की धमकी का मामला अब सियासी तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। गहलोत ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को ही जान से मारने की धमकी दी जा रही है तो फिर आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा?

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वरिष्ठ आईएएस नीरज के पवन को जान से मारने की धमकी हम सभी प्रदेशवासियों के लिए बेहद चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रीजी को तीसरी बार ऐसी धमकी दी गई है। अब आमजन को चिंता सता रही है कि जब मुख्यमंत्री को ही इस तरह धमकी दी जा रही है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा? पिछले डेढ़ साल से हत्या, लूट, रेप, चोरी समेत तमाम अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं एवं सरकार का ध्यान केवल अपराध के आंकड़े कम कर दिखाने में ही है। मुख्यमंत्री के गृह मंत्री होते हुए भी ऐसी स्थिति बनती जा रही है। गहलोत ने आगे लिखा कि राजस्थान की जनता पूछ रही है कि आखिर इस स्थिति में कब सुधार होगा?

धमकी भरे ईमेल के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि ईमेल की जांच की जा रही है। साइबर अपराध विशेषज्ञों और खुफिया टीमों को ईमेल के स्रोत का पता लगाने और धमकियों की विश्वसनीयता का आकलन करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों और स्टेडियमों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

ईमेल भेजने वाले ने यह भी दावा किया है कि उसने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए मानसिक बीमारी का हवाला देकर पहले ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा लिया है। हालांकि, अधिकारियों ने ईमेल में उल्लिखित आरोपों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।

संदेश में गंभीर आरोपों के साथ अपुष्ट व्यक्तिगत दावे भी शामिल हैं और पुलिस इसे संभावित धमकी और धोखाधड़ी दोनों के रूप में देख रही है। एहतियात के तौर पर जयपुर में स्टेडियमों और प्रमुख सरकारी कार्यालयों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।