कश्मीर के मौजूदा हालात पर बोले CJI रंजन गोगोई - राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर बहाल हो सामान्य जीवन, जरूरत पड़ी तो मैं खुद जाऊंगा

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा, ये मामला गंभीर है, अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद हालात देखने श्रीनगर जाऊंगा। दरअसल ये मामला बच्‍चों के शोषण से जुड़े मामले की सुनवाई का था। इसमें याचिकाकर्ता वकील ने कहा, कश्‍मीर में बंद के चलते वकील हाईकोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं। सुनवाई के दौरान सीजेआई (CJI) ने कहा, लोगों का हाईकोर्ट न पहुंचना एक गंभीर मसला है। उन्‍होंने पूछा क्‍या लोगों को कोर्ट पहुंचने में परेशानी हो रही है। हालात गंभीर हैं ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद श्रीनगर (Srinagar) जाऊंगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्‍मू कश्‍मीर हाईकोर्ट को नोटिस दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश से इस आरोप पर रिपोर्ट मांगी है कि लोगों को हाईकोर्ट से संपर्क करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, अगर लोग उच्च न्यायालय से संपर्क करने में असमर्थ हैं तो यह बेहद गंभीर है, मैं खुद श्रीनगर जाऊंगा। अगर जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट के न्यायाधीश की रिपोर्ट इससे उलट बताती है तो परिणाम के लिए तैयार रहें।

5 अगस्त से कश्मीर में लगीं पाबंदियों को लेकर भी कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कश्मीर में अगर या कथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट निपट सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य जीवन बहाल किया जाए और ऐसा करते समय नेशनल सेफ्टी और सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए। कोर्ट ने भारत और जम्मू-कश्मीर सरकार को मामले में एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भारत सरकार की ओर से पेश हुए और कोर्ट को उन्होंने बताया कि मीडिया पेशेवरों को उनके काम के लिए लैंडलाइन और कई अन्य संचार सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा, 'प्रतिबंधित इलाकों में पहुंच के लिए मीडिया को पास दिए गए हैं और पत्रकारों को फोन और इंटरनेट की सुविधा भी मुहैया कराई गई हैं। कश्मीर स्थित सभी समाचार पत्र चल रहे हैं और सरकार हरसंभव मदद मुहैया करा रही है।'

केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया, 'दूरदर्शन जैसे टीवी चैनल और अन्य निजी चैनल, एफएम नेटवर्क काम कर रहे हैं।' प्रतिबंधों पर केंद्र ने कहा कि एक गोली भी नहीं चलाई गई और कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगे हैं। कश्मीर संभाग के 88 प्रतिशत से अधिक थाना क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने, कल्याणकारी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने, स्कूल और कॉलेज खोले जाने को कहा।

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद को सरकार ने घाटी में जाने की इजाजत दे दी है। उन्‍हें श्रीनगर और बारामूला जाने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले उन्‍हें दो बार दिल्‍ली से घाटी जाते समय रोक दिया गया था। हालांकि सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, इस दौरान वह किसी भी तरह का सार्वजनिक भाषण या रैली नहीं कर सकेंगे। गुलाम नबी आजाद की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान अदालत में कहा कि गुलाम नबी आजाद 6 बार के सांसद हैं, पूर्व मुख्यमंत्री हैं फिर भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया। गुलाम नबी आजाद ने 8, 20 और 24 अगस्त को वापस जाने की कोशिश की। गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी।