
उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा आज अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर शुरू हो रही है, जब उत्तरकाशी जिले स्थित यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। इस यात्रा का शुभारंभ 2 मई को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ होगा और चार मई को चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ यह यात्रा पूर्णता को प्राप्त कर लेगी।
इस बार यात्रा के लिए यमुनोत्री और गंगोत्री धाम को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है और इन स्थानों पर चहल-पहल का माहौल है। इस उत्सव का असर यात्रा रूट पर स्थित होटल और अन्य व्यवसायियों पर भी देखा जा सकता है, जिनके चेहरों पर खुशी है। उत्तरकाशी और बड़कोट से लेकर गंगोत्री-यमुनोत्री धाम तक गंगा-यमुना की जय-जयकार गूंज रही है।
कपाट खुलने के अवसर पर यमुनोत्री में करीब 7,000 और गंगोत्री में लगभग 5,000 तीर्थयात्रियों के मौजूद होने की उम्मीद है। अब तक चारों धाम के लिए कुल 22,11,109 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है।
यमुनोत्री धाम:यमुनोत्री के कपाट खुलने का मुहूर्त आज दोपहर 11:55 बजे है। इससे पूर्व, सुबह आठ बजे देवी यमुना की चल विग्रह उत्सव डोली, अपने बड़े भाई शनिदेव की अगुआई में, शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी, जो 10,804 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
गंगोत्री धाम:गंगोत्री के कपाट खुलने का मुहूर्त आज सुबह 10:30 बजे है। मां गंगा की चल विग्रह उत्सव डोली मंगलवार दोपहर 11:57 बजे ढोल-दमाऊ और 14 राजपूताना राइफल्स के पाइप बैंड की मधुर लहरियों के बीच अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा से पहले भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर पहुंची। यहाँ से डोली आज सुबह 10,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम पहुंचेगी।
केदारनाथ धाम:केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि और मुहूर्त 2 मई को सुबह 7:00 बजे है। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली मंगलवार को गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर से अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची। आज डोली मुख्य पड़ाव गौरीकुंड और 1 मई की शाम समुद्रतल से 11,657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
बदरीनाथ धाम:बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि और मुहूर्त 4 मई को सुबह 6:00 बजे है। टिहरी के नरेंद्रनगर राजमहल से 22 अप्रैल को शुरू हुई तेल कलश यात्रा, पांच दिन डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर में विश्राम के बाद, आज दूसरे चरण में बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर, 3 मई की शाम कलश यात्रा 10,277 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम पहुंचेगी।