'चंद्रयान-2' : लॉन्चिंग को PM मोदी ने देखा लाइव, ट्वीट कर बोले- 130 करोड़ लोगों के लिए गर्व की बात

इसरो (ISRO) ने आज दोपहर 2:43 बजे चांद पर शोध के लिए चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) लॉन्‍च कर दिया है। इसरो ने इसे 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल- मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम1) से लॉन्‍च किया है। इस रॉकेट को बाहुबली कहा जा रहा है। इस रॉकेट और चंद्रयान-2 की कीमत 978 करोड़ रुपये है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चीफ के सिवन ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके कहा कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सफल रहा। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जीएसएलवी ने चंद्रयान-2 को पृथ्‍वी की कक्षा पर सफलतापूर्वक स्‍थापित कर दिया है। यह भारत के लिए चांद की ओर ऐतिहासिक यात्रा और वहां के दक्षिणी ध्रुव पर उतर पर वैज्ञानिक शोध करने की शुरुआत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO को चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर बधाई दी। ISRO ने सोमवार दोपहर 2:43 बजे श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 को लॉन्च किया। जिसके बाद ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने लिखा कि चंद्रयान 2 की सफल लॉन्चिंग पर पूरे देश को गर्व है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए अपनी दो तस्वीरें भी साझा की, जिसमें चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को लाइव टीवी पर देख रहे हैं। उन्होंने लिखा कि ये पल 130 करोड़ लोगों के लिए गर्व करने वाला है। चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग भारत के महान वैज्ञानिकों की सफल गाथा को बताती है। PM मोदी ने लिखा कि चंद्रयान 2 की सफल लॉन्चिंग से बड़ा सभी हिंदुस्तानियों के लिए गर्व का पल क्या हो सकता है। उन्होंने लिखा कि ये इसलिए भी खास है क्योंकि ये चंद्रयान-2 चांद के उस हिस्से पर उतरेगा, जहां अब तक कोई नहीं गया है। इससे चांद के बारे में हमें नई जानकारी मिलेगी। उन्होंने लिखा कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के लिए वैज्ञानिकों ने जो मेहनत की है, उससे युवाओं को काफी प्रेरणा मिलेगी।

बता दे, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को लॉन्‍च कर भारत ने दुनिया को अपने दमखम का परिचय दिखाया है। चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में यान को कुल 48 दिन लगेंगे। इससे 20 घंटे पहले जब 'चंद्रयान-2' मिशन का काउंटडाउन शुरू हुआ था तब से इसरो समेत पूरा इंडिया इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बेताब था।