Chandrayaan2: चांद पर लैंडिंग से 2.1 किलोमीटर पहले टूटा संपर्क, जानिए 15 मिनट में कैसे रास्ते से भटक गया लैंडर विक्रम

भारत (India) का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम चंद्रमा के सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर आकर अपना रास्ता भटक गया। इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन के भविष्य पर सस्पेंस बन गया है। इस बात की आशंका पहले ही लगाई जा रही थी कि लैंडर विक्रम (Lander vikram) के चांद की सहत पर पहुंचे से पहले के 15 मिनट काफी अहम होंगे। लैंडर विक्रम को देर रात लगभग 1 बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद की सतह पर पहुंचने से करीब 2.1 किलोमीटर पहले ही उसका इसरो (ISRO) से संपर्क टूट गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने संपर्क टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का काम प्लानिंग के मुताबिक था। उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया। अभी भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं लेकिन यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क केंद्र के स्क्रीन पर देखा गया कि विक्रम अपने तय रास्ते से थोड़ा हट गया और उसके बाद संपर्क टूट गया। लैंडर बड़े ही आराम से नीचे उतर रहा था और इसरो के अधिकारी बीच बीच में खुशी जाहिर कर रहे थे। लैंडर ने सफलतापूर्वक अपना रफ ब्रेक्रिंग चरण पूरा किया और यह अच्छी स्पीड से सतह की ओर बढ़ रहा था। इसरो के एक वैज्ञानिक के मुताबिक, लैंडर का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा, जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा। हालांकि 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ समाप्त नहीं हुआ है।

आइए जानते है कि आखिर 15 मिनट में क्या हुआ और कैसे इसरो का संपर्क लैंडर विक्रम से टूट गया।

शनिवार तड़के लगभग 1:38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम चंद्रमा ने सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था। करीब 1: 44 मिनट पर लैंडर विक्रम ने 'रफ ब्रेकिंग के चरण को पार कर लिया था। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसकी रफ्तार धीमी करनी शुरू की। 1:49 पर विक्रम लैंडर ने सफलता पूर्व अपनी गति कम कर ली थी और वह चांद की सतह के बेहद करीब पहुंच चुका है। रात करीब 1:52 मिनट पर चांद पर उतरने के अंतिम चरण में चंद्रयान-2 पहुंच चुका था लेकिन उसके बाद चंद्रयान का संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।

लैंडर विक्रम जब चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था तो हर किसी को उम्मीद हो गई थी कि चंद्रयान अपने मिशन को पूरा कर लेगा। इसी दौरान अचानक इसरो के कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया और वैज्ञानिकों के चेहरे लटक गए। किसी को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या। बताया जाता है कि इसरो के कंट्रोल रूम में लगी स्क्रीन पर आ रहे आंकड़े अचानक थम गए। इसके बाद इसरो चीफ सिवन वहां बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ बढ़े। इसरो चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना की जानकारी दी और बाहर निकल गए। कुछ ही देर में इसरो ने कंट्रोल रूप से अपनी लाइव स्ट्रीमिंग भी बंद कर दी।

इसरो केंद्र में मौजूद थे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी खुद इस ऐतिहासिक लम्हे को देखने के लिए इसरो के बेंगलुरु केंद्र में मौजूद थे। उनके साथ 60-70 स्कूली बच्चे भी थे जिन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया। चंद्रयान-2 से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है। मेरी तरफ से वैज्ञानिकों को बधाई, आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं पूरी तरह आपके साथ हूं हिम्मत के साथ चलें।