बाहुबली के कंधों पर चांद की सैर करेगा भारत, देखेगी दुनिया सारी

भारत के मिशन चंद्रयान-2 में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। भारत के मिशन चंद्रयान-2 में रोबोटिक रोवर को चांद की सतह पर उतारा जाएगा। इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में लैंडर और रोबोटिक रोवर को चांद पर भेजने वाले रॉकेट की तस्वीर जारी की है। इस भारीभरकम रॉकेट को बाहुबली कहा जा रहा है। रॉकेट बाहुबली की लॉन्चिंग 15 जुलाई को होने वाली है। श्रीहरिकोटा से लॉन्चिंग होगी और इस मौके पर वहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद रहेंगे। भारत के लिए ये सबसे बड़ा मौका है। इसरो ने पूरी दुनिया के सामने आसमान में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। इस बार चांद की जमीन पर झंडे गाड़ने की बारी है। इसलिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर वो बाहुबली रॉकेट है कैसा, जिसके बूते इसरो इतने बड़े प्रोजेक्ट को अंजाम देने वाला है। बाहुबली के ऊपर ही भारत के मिशन चंद्रायन-2 की कामयाबी निर्भर करती है।

15 जुलाई को आधी रात के बाद 2 बजकर 51 मिनट पर इसे लॉन्च किया जाएगा। यह अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्चर है जिसे पूरी तरह से देश में बनाया गया है। चंद्रयान मिशन-2 में रोबोटिक रोवर को चांद पर ले जाने वाले रॉकेट को उसके विशालकाय आकार की वजह से बाहुबली नाम दिया गया है। दरअसल इसका नाम जियोसिंक्रोनस स्टैडिंग सेटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क 3 यानी GSLV Mk3 है। इसरो के वैज्ञानिक इसे बाहुबली कह रहे हैं। 15 जुलाई के लॉन्च के लिए ये लॉन्च पैड पर तैनात हो चुका है। बाहुबली का वजन करीब 640 टन है। इसकी ऊंचाई 15 स्टोरी बिल्डिंग के बराबर है। बाहुबली रॉकेट करीब 3.8 टन वजनी सेटेलाइट को चांद पर ले जाएगा। भारत के सबसे भारी-भरकम लॉन्च पैड से ये तीसरा लॉन्च होगा। इस मिशन की सबसे बड़ी बात ये है कि ये पूरी तरह से स्वदेशी है। इस मिशन की कामयाबी के बाद भारत चांद की सतह पर लैंड करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसके पहले अमेरिका, रुस और चीन अपने यान को चांद की सतह पर भेज चुके हैं। लेकिन अब तक किसी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास कोई यान नहीं उतारा है। भारत ने अपना पहला मून मिशन चंद्रयान-1 2008 में लॉन्च किया था। उस वक्त इस प्रोजेक्ट में करीब 450 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस बार इसरो का प्रोजेक्ट 1 हजार करोड़ रुपए का है। चांद पर भारत के कदम बस पड़ने ही वाले हैं। बस कुछ ही दिनों में हम चांद की धरती फतह कर लेंगे।

बाहुबली की खासियत

- अब तक का सबसे शक्तिशाली और भारीभरकम लॉन्चर है। जिसे पूरी तरह से देश में बनाया गया है। इसका वजन 640 टन है। इसकी ऊंचाई 15 स्टोरी बिल्डिंग के बराबर है।

- बाहुबली रॉकेट करीब 3.8 टन वजनी सेटेलाइट को चांद पर ले जाएगा। भारत के सबसे भारी-भरकम लॉन्च पैड से ये तीसरा लॉन्च होगा। लो अर्थ ऑर्बिट में ये 10 टन वजनी सेटेलाइट ले जा सकता है।

- ये चंद्रायन मिशन-2 के सेटेलाइट को उसके ऑर्बिट में स्थापित करेगा।

- इसमें सबसे शक्तिशाली क्रायोजेनिक इंजन C25 लगा है जिसे CE-20 पावर देगा।

- इसमें S200 रॉकेट बूस्टर लगे हैं जो रॉकेट को इतनी शक्ति देगा कि वो आसमान में छलांग लगा सके। S200 को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में बनाया गया है।

- GSLV Mk 3 के अलग-अलग मॉडल का अब तक तीन बार सफल प्रक्षेपण हो चुका है।