रांची । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए।
बुधवार को उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा देते हुए दावा किया कि जेएमएम की “वर्तमान कार्यशैली और नीतियों” ने उन्हें उस पार्टी को छोड़ने के लिए मजबूर किया, जिसकी उन्होंने कई सालों तक सेवा की। उन्होंने राज्य विधानसभा के विधायक और झारखंड कैबिनेट में मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ साढ़े चार दशकों की राजनीतिक यात्रा को विराम देने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शुक्रवार को अपराह्न चार बजे औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित एक बड़ी जनसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, चुनाव सह प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इसके पहले चंपई सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के नवनिर्माण का संकल्प लेकर भारतीय जनता पार्टी में आए हैं।
भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद चंपई सोरेन ने कहा, मैं झारखंड के विकास के लिए काम करूंगा और हम बांग्लादेश से घुसपैठ रोकेंगे। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरा करूंगा।
चंपई सोरेन के साथ उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन और सरायकेला-खरसावां जिला परिषद के अध्यक्ष तथा पार्टी के कद्दावर नेता सोनाराम बोदरा सहित कई लोग भाजपा में शामिल हुए।
जनसभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंपई सोरेन उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जिनके संघर्षों की बदौलत अलग झारखंड का निर्माण हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ऐसे नेता को अपमानित किया है। अब वे भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और नए झारखंड के निर्माण का संकल्प लेकर आए हैं।
बता दें कि चंपई सोरेन ने 18 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर
पोस्ट लिखकर झामुमो से अलग नया अध्याय शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने
लिखा था कि राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए झामुमो में उनका अपमान किया
गया। उनसे जिस तरह सीएम पद से इस्तीफा लिया गया, वह बेहद अपमानजनक था।
इसके बाद 28 अगस्त की रात उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पत्र में पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन से अपनी व्यथा जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा था, अत्यंत ही दुख के साथ कहना
पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिस के लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।
झारखंड की राजनीति में ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से मशहूर रहे 68 वर्षीय चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रहे हैं। पांच महीने तक मुख्यमंत्री रहने के अलावा वह राज्य सरकार में तीन बार मंत्री भी रहे हैं। लगभग 45 वर्षों से झामुमो के साथ राजनीति करने वाले चंपई सोरेन पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन के अनन्य सहयोगी रहे हैं।