गणतंत्र दिवस 2019 - भारतीय संविधान के सामने आज भी खडी है ये चुनौतियाँ, देश को करना होगा इनका डटकर सामना

26 जनवरी का दिन पूरे देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं। इसी दिन साल 1950 में डॉ। भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में बनाए गए देश के संविधान को पूर्ण रूप से लागू किया गया था। देश का संविधान आने वाली चुनौतियों के निराकरण के लिए सोच-विचार करके बनाया गया है। हमारे देश का संविधान सबसे बड़ा होने के बावजूद भी इसके सामने ऐसी कई चुनौतियाँ है जिनसे देश को जूझना पड़ रहा हैं। तो आइये जानते है इन चुनौतियों के बारे में।

* जनसंख्या

एक हालिया आकलन के मुताबिक, 2020 तक देश में कामकाजी उम्र के लोगों की आबादी 90 करोड़ तथा नागरिकों की औसत आयु 29 वर्ष हो जायेगी जो चिंता का विषय है।

* शिक्षा व्यवस्था

बदलते भारत में खराब शिक्षा व्यवस्था एक चिंता का कारण है स्कूलों में कक्षा पांच में पहुंचने वाले बच्चों में 50 प्रतिशत कक्षा दो की पुस्तकें भी नहीं पढ़ पाते।

* बेरोजगारी

भारत में रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है, भारत में रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। यहां युवाओं को नौकरी न मिलने की सबसे बड़ी चुनौती है।

* भ्रष्टाचार

भारत में अपना कोई न कोई जरुरी काम करवाने के लिए 54 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी, यानि देश का हर दूसरा शख्स रिश्वत देने में यकीन रखता है।

* आतंकवाद

बेरोजगारी की चुनौती देश के अंदर की बात है लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है आतंकवाद, जो देश के लिए एक बड़ी परेशानी का सवाल है, आतंकवाद से प्रभावित देशों में भारत का चौथा नंबर है।

* ड्रग्स तस्करी

पूरे भारत की बात करें तो दक्षिण एशिया में भारत हेरोइन का सबसे बड़ा अड्डा है इसमें युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है।

* लचर स्वास्थ्य व्यवस्था

भारत में बिगड़ी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती है, यहां 1,050 मरीजों के लिए सिर्फ एक ही बेड उपलब्ध है। इसी तरह 1,000 मरीजों के लिए 0।7 डॉक्टर मौजूद है।

* साइबर क्राइम

बदलते और डीजिटल होते भारत में जहां एक तरफ लोग आधुनिक हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ साइबर क्राइम भी बढ़ने लगा है देश के लिए ये एक घातक समस्या है ये सच है कि भारत ने आजादी के बाद काफी तरक्की की है देश में बहुत कुछ बदला है लेकिन ये कुछ ऐसी चुनौतियां है जिनपर सिर्फ सरकार ही हम सबको मिलकर सोचने की जरूरत है।