हाल ही में कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई, इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सरकार से इस बात की गुजारिश की है कि ऐसा घिनौना काम करने वालों को फांसी की सजा देनी चाहिए। लड़कियों के साथ तेजी से बढ़ रही रेप की घटनाओं पर रोक लगे और अपराधी ऐसा काम करने से पहले सोचें, इसके लिए केंद्र ने रिपोर्ट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 0-12 साल के बच्चों से दुष्कर्म के मामले में POCSO (पाक्सो) ऐक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे दोषियों को अधिकतम दंड के तौर पर मौत की सजा दी जा सके। एक जनहित याचिका के जवाब में केंद्र ने यह रिपोर्ट सौंपी। मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
बता दें कि छोटे बच्चों के साथ बढ़ते दुष्कर्म के मामलों के बाद देशभर से पाक्सो एक्ट में संशोधन की मांग उठने लगी है। यहां तक की केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी पोक्सो एक्ट में संशोधन करने की आवाज उठाई है। मेनका गांधी ने कहा था कि पोक्सो एक्ट में संशोधन करके इसमें फांसी की सजा का प्रावधान शामिल कर देना चाहिए। मेनका गांधी ने कहा था कि उनका मंत्रालय बच्चों के साथ दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड की सजा के प्रावधान के लिए पॉक्सो एक्ट में संशोधन की मांग पर विचार कर रहा है। हालांकि तमाम विरोध और बच्चे के साथ बढ़ते दुष्कर्म के मामलों के बाद केेंंद्र सरकार ने अहम कदम उठाते हुए पोक्सो एक्ट में संशोधन करने का फैसला लिया है।
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल अभी तक पॉस्को एक्ट के सेक्शन 3,4 और 6 के मुताबिक़ रेप पर 10 से लेकर उम्र कैद की सजा का प्रावधान मौजूद है।