रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर में सेना का कोई भी अॉपरेशन नहीं होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों से जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में कोई ऑपरेशन लॉन्च न करने के लिए कहा है। बता दें कि भारत में 18 तारीख से रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत हो रही है, जिसके मद्देनजर सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से ये मांग की थी। आपात स्थिति में सेना आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है। सुरक्षाबलों के पास हमला होने और निर्दोष लोगों की जान बचाने की स्थिति में ऑपरेशन करने का अधिकार होगा। गृह मंत्रालय की तरफ से एक ट्वीट में ये लिखा गया है कि किसी आतंकी हमले की स्थिति में ये शर्त लागू नहीं होगी लेकिन सूबे में सेना की कार्रवाई (ऑपरेशन) पर पूरे रामजान के दौरान ढिलाई बर्ती जाएगी।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के सभी दलों ने सर्वदलीय बैठक में रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए केन्द्र सरकार से आतंकियों के साथ संघर्ष विराम की अपील की थी। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि ईद और अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में सर्वदलीय बैठक के बाद सुश्री महबूबा ने संवाददाताओं से कहा था कि हर कोई इससे सहमत है कि हमें वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान पर एकतरफा रोक लगाने जैसे कदम उठाने की अपील केंद्र सरकार से करनी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों के खिलाफ मुठभेड़ और कार्रवाई के कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हमें माहौल को शांतिपूर्ण बनाने का अवश्य प्रयास करना चाहिए ताकि ईद और अमरनाथ यात्रा दोनों शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। महबूबा ने कहा था कि विचार-विमर्श में सर्वसम्मति से बात सामने आई कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच गठबंधन के एजेंडा पालन किया गया तो राज्य की स्थिति में गुणात्मक सुधार होगा।