मॉब लिंचिंग पर केंद्र सरकार बना रही है मॉडल कानून, राज्यों से भी होगी चर्चा

मॉब लिंचिंग मामले में केंद्र सरकार मॉडल कानून बनाकर राज्यों को भेज सकती है। जिसके अंतर्गत राज्य अपने यहां कानून बना सकते हैं। केंद्र द्वारा गठित समिति ने मॉब लिंचिंग के मामले में व्यापक विचार-विमर्श शुरू किया है। शनिवार को आयोजित दूसरी बैठक में समिति ने इस मामले में याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला को प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया था। मॉब लिंचिंग रोकने के लिए सुझाए गए ड्राफ्ट कानून पर समिति ने सवाल जवाब किया। गृह सचिव ने बैठक में प्रत्यावेदन दे रहे पक्षों से जानना चाहा कि कानून की जरूरत क्यों है? सीआरपीसी में संशोधन का सुझाव भी एक सचिव की ओर से सामने आया। पूनावाला ने मॉब लिंचिंग को परिभाषित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ड्राफ्ट में भीड़ की हिंसा की प्रकृति के आधार पर सजा का सुझाव दिया। इसमें सात साल की सजा और एक लाख जुर्माने के अलावा अधिकतम कठोर आजीवन कारावास का प्रावधान करने का प्रस्ताव है। समिति के कुछ सदस्यों ने मौजूदा कानूनों का हवाला देते हुए कहा कि सीआरपीसी में इस तरह के मामलों में सजा का प्रावधान है।

बता दे, समिति की अभी कई बैठकें होंगी। इनमें समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों, सिविल सोसाइटी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों की राय ली जाएगी। सोमवार को समिति की पहली बैठक में सदस्यों ने आपस में विचार-विमर्श किया था। समिति को चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है।

इन घटनाओं ने किया मजबूर-

- 5 अप्रैल 2017- पहलू खां की मौत : अलवर के बहरोड़ में लोगों ने 6 वाहनों को रोककर 15 गो तस्करों पर हमला किया। नूंह के जर्यंसहपुर निवासी 50 वर्षीय पहलू खां की मौत हो गई।

- 9 नवंबर, 2017 -उमर खान की हत्या: अलवर के र्गोंवदगढ़ थाना इलाके में उमर की पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई।

- 23 दिसंबर 2017- जाकिर खान पर जानलेवा हमला: अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 23 दिसंबर 2017 को गाय ले जा रहे जाकिर की 40-50 लोगों ने पिटाई कर दी।

- 20 जुलाई 2018- अकबर उर्फ रकबर की मौत : अलवर के रामगढ़ में गो तस्करी के शक में भीड़ ने अकबर उर्फ रकबर पर हमला किया। बाद में अकबर की मौत हो गई थी।

- अकेले महाराष्ट्र में जून से जुलाई के शुरुआती सप्ताह में महज 25 दिनों के भीतर 14 घटनाएं हुईं। जिसमें नौ लोगों की मौत होने की खबर सामने आई