श्रीनगर। अलगाववादी संगठन 'तहरीक-ए-हुर्रियत' को रविवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स-पोस्ट हैंडल पर कहा, अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत (TeH) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 'गैरकानूनी संगठन' घोषित कर दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कश्मीरी अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है। “समूह को भारत विरोधी प्रचार और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाया गया है।”
इससे पहले, शब्बीर शाह की अध्यक्षता वाली डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी जेके और मसर्रत आलम की अध्यक्षता वाली मुस्लिम लीग जेके को यूएपीए के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया था।
अमित शाह ने बताया कि दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के जरिए 'तहरीक-ए-हुर्रियत' पर ऐसे समय पर कार्रवाई की गई है, जब कुछ दिनों पहले ही घाटी के एक और संगठन को बैन किया गया था। सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इस संगठन के नेता मसर्रत आलम भट भारत विरोधी एजेंडा चलाता था। वह पाकिस्तान के सपोर्ट में घाटी में गतिविधियां भी कर रहा था।
भारत को अलग करने की हो रही थी कोशिशअमित शाह ने बताया कि 'तहरीक-ए-हुर्रियत' आतंकी गतिविधियों में शामिल था और उसका मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना था। 'तहरीक-ए-हुर्रियत' कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा भी दे रहा था। वह इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश
कर रहा था। गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की आतंक को लेकर जीरो-टोलरेंस की नीति है। भारत विरोधी गतिविधि में शामिल रहने वाले संगठन को तुरंत खत्म कर दिया जाएगा।