नई दिल्ली। केन्द्र सरकार नए साल के मौके पर अपने कर्मचारियों क महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने का विचार कर रही है। सरकार वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई माह में महंगाई भत्ते को बढ़ाने का काम करती है। औसतन यह बढ़ोतरी 3 से 4 फीसदी तक होती है। सरकार AICPI आंकड़े के मुताबिक सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा करती है।
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के साथ ही सरकार पेंशनर्स के महंगाई राहत में भी इजाफा करती है। DA और DR में ये बढ़ोतरी सीधे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स के मासिक पेंशन को प्रभावित करती है। फिलहाल सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों और पेंशनर्स को 46 फीसदी डीए और डीआर दिया जा रहा है। अगर सरकार महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी करती है तो यह 46 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा।
50 फीसदी के बाद डीए हो जाएगा शून्य
2016 में सातवां वेतन आयोग लागू किया था तो उस वक्त महंगाई भत्ता शून्य कर दिया था। नियमों के मुताबिक जैसे ही महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंच जाएगा, उसे शून्य कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 50 फीसदी के आधार पर मिले डीए को बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा। इस हिसाब से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी भी बढ़ जाएगी। मान लीजिए अगर किसी की बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है तो उसमें 9000 रुपये जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद फिर महंगाई भत्ता अलग से दिया जाएगा। कर्मचारियों की सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में 4 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर डीए और डीआर बढ़कर 50 फीसदी हो जाता है तो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स के पेंशन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 9000 रुपये की बढ़ोतरी होगी। सरकार इस बढ़ोतरी को जनवरी के बाद फरवरी या मार्च में भी बढ़ा सकती है। इन लोगों के लिए बढ़ा महंगाई भत्ता
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में छठे वेतन आयोग और पांचवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते में इजाफा किया था। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2023 से प्रभावी है। इसके अलावा, कई राज्यों ने भी अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में इजाफा किया है।