भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता, सिंधु जल संधि पर स्थिति स्पष्ट नहीं

नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ है, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने अहम भूमिका निभाई। दोनों देशों ने भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे से सभी सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी बंद करने पर सहमति जताई। इससे पहले, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने भारत के समकक्ष से संपर्क कर संघर्षविराम की पहल की थी। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता भारत ने अपनी शर्तों पर किया है। किसी तीसरे को मध्यस्थ नहीं बनाया गया है।

सिंधु जल संधि पर स्थिति

हालांकि संघर्षविराम की घोषणा की गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह समझौता भारत द्वारा 23 अप्रैल को निलंबित की गई सिंधु जल संधि पर लागू होगा या नहीं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, संघर्षविराम समझौता बिना किसी पूर्व या बाद की शर्तों के हुआ है और इसका उद्देश्य केवल सैन्य कार्रवाई को रोकना है। इसलिए, सिंधु जल संधि की स्थिति पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

संघर्षविराम की घोषणा के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस कदम का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र, G7 देशों और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और सीधे संवाद के माध्यम से स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्षविराम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन सिंधु जल संधि जैसे संवेदनशील मुद्दों पर आगे की बातचीत आवश्यक होगी।

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन सिंधु जल संधि की स्थिति पर स्पष्टता का अभाव दोनों देशों के बीच आगे की वार्ता के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका इस दिशा में महत्वपूर्ण होगी।