मध्य प्रदेश: CBI ने एनसीएल में रिश्वतखोरी गिरोह का भंडाफोड़ किया, अपने ही अधिकारी समेत पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली। सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के एक मामले में अपने ही पुलिस उपाधीक्षक और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के दो अधिकारियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

एनसीएल कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक 'मिनी रत्न' कंपनी है।

संघीय जांच एजेंसी ने मामले के सिलसिले में 17 अगस्त को सिंगरौली और जबलपुर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी छापेमारी की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनसीएल के विभिन्न अधिकारियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिनमें एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव एवं प्रबंधक (सचिवालय) सुबेदार ओझा, एनसीएल के पूर्व सीएमडी भोला सिंह, वर्तमान मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

गिरफ्तार किए गए लोगों में जबलपुर स्थित सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जॉय जोसेफ दामले, सुबेदार ओझा, सिंगरौली स्थित एनसीएल के मुख्य प्रबंधक प्रशासन लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) बसंत कुमार सिंह, सिंगरौली स्थित संगम इंजीनियरिंग के निदेशक और कथित बिचौलिया रविशंकर सिंह और उनके सहयोगी दिवेश सिंह शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने सोमवार को उन्हें जबलपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें 24 अगस्त तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता ने बताया कि ओझा के आवास से 3.85 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।

प्रवक्ता ने कहा, यह रकम कथित तौर पर एनसीएल, सिंगरौली में उनके संचालन के लिए कई ठेकेदारों और अधिकारियों से एहसान के बदले में एकत्र की गई थी।

उन्होंने कहा कि रविशंकर सिंह कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों, व्यापारियों और एनसीएल के कई अधिकारियों के बीच एक कनेक्ट के रूप में काम कर रहे थे और रिश्वत देने और देने में मदद कर रहे थे।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि दिवेश सिंह को दामले को 5 लाख रुपये की रिश्वत देते समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह रिश्वत उन्हें उनके खिलाफ लंबित शिकायतों और जांच एजेंसी द्वारा की जा रही जांच के मामले में अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त करने के एवज में दी गई थी।

आरोप है कि 16 अगस्त को रविशंकर सिंह के निर्देश पर उनके कर्मचारी अजय वर्मा ने लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) बसंत कुमार सिंह से 5 लाख रुपये लिए। रिश्वत की रकम कथित तौर पर सूबेदार ओझा ने भेजी थी।

प्रवक्ता ने बताया कि 17 अगस्त को रविशंकर सिंह ने दिवेश सिंह को यह रकम डीएसपी दामले तक पहुंचाने का निर्देश दिया। सीबीआई ने तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस और अपराध साबित करने वाले दस्तावेज भी जब्त किए।