पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी फिलहाल रथयात्रा नहीं निकाल पाएगी। शु्क्रवार को ममता सरकार की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस की पीठ में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ के फैसले को पलटते हुए प्रदेश में बीजेपी की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। इससे पहले गुरुवार को एकल पीठ ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए बीजेपी को रथ यात्रा की सशर्त मंजूरी दी थी।
हाईकोर्ट के इस फैसले को एक तरह से ममता सरकार की सफलता की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि अदालत की कार्यवाही अब जनवरी में ही दोबारा शुरू होगी। ऐसे में बीजेपी के पास अब हाईकोर्ट की बड़ी बेंच या फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का रास्ता बचा है।
दरअसल पिछले चार दिनों से इस मामले पर सुनवाई चल रही थी। वहीं हाई कोर्ट ने गुरुवार को BJP की रथ यात्रा को मंजूरी दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि बीजेपी को रथ यात्रा के बारे में सरकार को पूरी जानकारी देनी होगी।
दरहसल, ममता सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य में बीजेपी की गणतंत्र रथयात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बीजेपी ने हाईकोर्ट में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया था। जिसके बाद अब ममता सरकार ने हाईकोर्ट के एकल बेंच के इस फैसले को चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की ओर से बीजेपी की रथ यात्रा पर लगाई गई रोक को हटा दिया था। हाईकोर्ट ने बीजेपी की रथ यात्रा को सशर्त मंजूरी दी थी। हाईकोर्ट ने कहा है कि असुरक्षा की भावना वास्तविक होनी चाहिए। एकल पीठ ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि बिना कोशिश किए रथ यात्रा को इजाजत देने से मना किया गया। ममता सरकार ने कोशिश नहीं की। कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिए थे कि रथ यात्रा के दौरान कानून का उल्लंघन नहीं होने दिया जाए।