शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का चुनाव लड़ने से इंकार, कहा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता

भोपाल। आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में लगी भाजपा पार्टी के आलाकमानों ने जब से यह संकेत दिया है कि 40 वर्तमान विधायकों के टिकट कटेंगे, तभी पार्टी प्रत्याशियों की हलचल बढ़ गई है। इन्हीं हलचलों के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। सरकार और संगठन को चिट्ठी लिखकर उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। इसके पीछे की वजह उन्होंने खराब स्वास्थ्य का होना बताया है। वर्तमान में यशोधरा शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं और अब आगे वह चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। इसे लेकर यशोधरा ने अपने समर्थकों से भी चर्चा की है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें इस मामले में फिर विचार करने की सलाह दी है, लेकिन फिलहाल वह चुनावी मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रही हैं।

दूसरी ओर यशोधरा राजे सिंधिया के कुछ नजदीकी लोगों का कहना है कि यशोधरा पार्टी में अपनी उपेक्षा के चलते वे पार्टी और संगठन से नाराज चल रही हैं। इसी वजह से उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का मानस बनाया है। ज्ञातव्य है कि यशोधरा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ हैं। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से यशोधरा राजे की सक्रियता कम हो गई है। इसके पीछे राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा जारी है। यशोधरा ने संगठन को पत्र लिखकर चुनाव में भागदौड़ से परेशानी की बात कही है।

पत्र में कोविड की कही बात

यशोधरा ने संगठन को पत्र लिखा है। पत्र में 4 बार कोविड होने का जिक्र किया गया है। यशोधरा ने चुनाव में भागदौड़ से परेशानी होने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि वो बीते दिनों में 4 बार कोविड का शिकार हो चुकी हैं। शारीरिक तौर पर परिश्रम की स्थिति में नहीं हैं। चुनाव में लगातार भागदौड़ होने के कारण परेशानी बढ़ सकती है। इस वजह से वो चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह फिलहाल 5-6 महीने आराम करना चाहती हैं, वहीं वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात के दौरान जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

कई मंत्री-विधायकों के कट सकते हैं टिकट

दूसरी ओर भाजपा ने उम्मीदवारों के चौंकाने वाले नाम जारी किए है। कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में कई मंत्री और विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। इसी के मद्दनजर कई बड़े चेहरे अपने नाम वापस ले रहे हैं। वहीं कई विधायकों के नाम काटे जाने के बाद विरोध के सुर बढ़ गए है। पार्टी रूठे हुए चेहरों को मनाने की कवायद में लगी हुई है।