रिलायंस जियो की कीमतों में हो सकता है इजाफा

रिलायंस जियो इन्फोकॉम इस वित्तीय वर्ष में कीमतों में इजाफा कर सकती है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, जेपी मॉर्गन ने अपने एक नोट में कहा है कि जियो ने अपनी कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है और यह बढ़ोतरी 6-9 महीने पहले के मुकाबले ज्यादा है, जो कि रिलायंस जियो की प्रतिस्पर्धी कम्पनी वोडाफोन-आइडिया के लिए अच्छी चीज है। विशेषज्ञों का कहना है कि जियो का फाइबर एसपीवी और टावर का काम इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है। वहीं वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल द्वारा अपनी ही कम्पनी के द्वारा यह काम कराया जाता है।

वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल अपनी 4जी सेवाओं में इजाफा करने के लिए राइट इश्यू के जरिये 25000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं, जिससे जियो का मुकाबला कर सके। जियो मैनेजमेंट ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि कम्पनी अपनी सेवाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं करेगी और अभी भी सब्सक्राइबर्स बेस बढ़ाने पर ही अपना ध्यान लगाएगी। रिलायंस जियो ने सितम्बर 2016 में भारत की टेलीकॉम मार्केट में कदम रखा और अपनी कम कीमतों के चलते एक तरह से टेलीकॉम इंडस्ट्री में क्रांति ला दी। रिलायंस जियो के आने के बाद से देश में मोबाइल ग्राहकों और डाटा की खपत में भी बढ़ोतरी हुई है।

ज्ञातव्य है कि वित्तीय वर्ष 2020 के दौरान जियो को करीब 21,500 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की जरूरत होगी और कुल पूंजी निवेश की बात करें तो यह करीब 70,000 करोड़ रुपये होगा। रिलायंस के वर्तमान में 306 मिलियन यूजर्स हैं और चौथी तिमाही में भी कम्पनी की कुल जमा पूँजी में 65 प्रतिशत का उछाल आया है। जेएम फाइनेंशियल की एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2019 में जियो को 11,100 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जबकि इसी समय में वोडाफोन-आइडिया का राजस्व 10,900 करोड़ रुपये रहा।