जाने क्या होती है 'हलवा सेरेमनी', बजट पेश होने से पहले होता है इसका आयोजन

हलवा सेरेमनी बजट दस्‍तावेजों की छपाई की शुरुआत से पहले काफी लंबे समय से मनाई जा रही है। इस रस्‍म में एक बड़ी कढ़ाही में हलावा तैयार किया जाता है। इस हलवे को मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के वितरित किया जाता है। हलवा बांटे जाने के बाद वित्‍त मंत्रालय के ज्‍यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से अलग रहना होता है। ये वे कर्मचारी होते हैं जो प्रत्‍यक्ष तौर पर बजट बनाने से लेकर उसकी प्रिंटिंग की प्रक्रिया से जुड़े रहते हैं। इसके पीछे मान्यता रही है कि हर शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए, साथ ही भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है। इस परंपरा के तहत वर्तमान वित्त मंत्री खुद बजट से जुड़े कर्मचारियों, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं। इस हलवे के बनने और बंटने के बाद ही बजट के दस्तावेजों के छापने की प्रक्रिया शुरू होती है।

बजट की छपने की प्रक्रिया के शुरू होने से लेकर बजट के संसद में रखे जाने तक इन अधिकारियों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है। इसके तहत नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिन तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी रहते हैं। उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती और किसी को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं होती है।

परिवार से भी दूर

लोकसभा में वित्त मंत्री के बजट पेश किए जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकते। इस रस्‍म के बाद वित्‍त मंत्रालय के सिर्फ अति वरिष्‍ठ अधिकारी को ही अपने घर जाने की अनुमति मिलती है। वित्त मंत्री की तरफ से हलवा बांटे जाने के बाद मंत्रालय के ज्‍यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है। बजट बनाने की प्रक्रिया में लगे अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। वे बजट वाले दिन वित्त मंत्री का भाषण खत्म होने तक रहते हैं।