लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) से पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Govt) कार्यकाल का आखिरी बजट (Budget 2019) आज 1 फरवरी 2019 को पेश होगा। आम चुनाव 2019 से पहले पेश हो रहे अंतरिम बजट पर पूरे देश की नज़र है। परंपरा के तौर पर आम चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट में बड़े ऐलान नहीं होते हैं। इसमें नई सरकार के आने तक खर्च चलाने जितनी रकम के लिए संसद की मंजूरी ली जाती है। हालांकि, अगले 3-4 महीने में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार परंपरा तोड़ कर मोदी सरकार लोक-लुभावन बजट पेश करेगी। पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला है। अरुण जेटली के इलाज के लिये अमेरिका जाने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। वहीं कुछ रिपोर्ट के मुताबिक इसकी सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए किया जा सकता है। जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये इसे साढे 3 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं 3 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक 5 फीसदी टैक्स लगात है। 5 से 10 लाख रुपए तक 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 लाख से ऊपर आय पर वरिष्ठ नागरिकों को 30 फीसदी टैक्स देना होता है। सरकार इनकम टैक्स के स्लैब भी बदल सकती है।
इसके अलावा सरकार सेक्शन 80c के तहत मिलने वाली छूट को भी बढ़ा सकती है। अभी 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इसको बढ़ाकर 2 लाख रुपए या 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है। इनकम टैक्स लिमिट और सेक्शन 80 से के तहत छूट को 2014 में बढ़ाया गया था। पिछले 5 साल से इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है। अगर छूट बढ़ती है तो मिडिल क्लास के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा।
अभी लोगों को 3 लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है। वहीं 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 लाख रुपए से ऊपर 30 फीसदी टैक्स लगता है। इसके अलावा 4 फीसदी सेस भी लगता है।