भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर इस 'दुश्मन' से लड़ने के लिए मास्क पहन रहे है भारतीय जवान

भारत-बांग्लादेश की सीमा पर आमतौर पर बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) को आतंकी, स्मगलर और घुसपैठियों से लड़ना पड़ता है लेकिन यहां सीमा पर तैनात जवान एक अलग तरह के 'दुश्मन' का सामना कर रहे हैं। यहां मच्छरों के प्रकोप ने जवानों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। असल में त्रिपुरा और मिजोरम मलेरिया-एन्डेमिक जोन में आते हैं। यहां मच्छरों के काटने से मलेरिया का खतरा काफी अधिक होता है। इसी से बचाव के लिए जवान एक खास तरह के मास्क पहन रहे हैं। यह मास्क एक जाल की तरह होता है। जवान फुल बॉडी यूनिफॉर्म, ग्लोव्स पहनते हैं, साथ में एक धुआं करने वाली डिवाइस भी रखते हैं। इससे ड्यूटी के दौरान मच्छर दूर भगाए जाते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलिंग के दौरान जवान मेडिकेटेड नाइलॉन नेट पहनते हैं। बटालियन के हेडक्वार्टर अंबासा में भी मच्छरों से बचाव की व्यवस्था की गई है। सिट्रोनेल्ला घास लगाए गए हैं जिसके तेल से मच्छर दूर भाग जाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ साल पहले बांग्लादेश की सीमा पर तैनात कई जवान मलेरिया की चपेट में आ गए थे और कुछ की जान भी चली गई थी। इसके बाद से यहां तैनात जवानों के लिए खास प्रोटोकॉल बनाए गए। अब जवानों की मौत तो रुक गई है, लेकिन कुछ जवान मलेरिया से ग्रसित हो जाते हैं। त्रिपुरा के धलाई जिले में ज्यादातर जंगल है। यहां बीएसएफ की 71वीं बटालियन तैनात है।