भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता बीएस येदियुरप्पा आज चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री की शपथ ली है। वही उनके मंत्री फ्लोर टेस्ट के बाद शपथ लेंगे। इससे पहले, कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्य के गवर्नर से दिन में अपने नेता येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया था। कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इससे पहले जब 3 बार वह CM बने तो एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
- 12 नवंबर से 19 नवंबर 2007
- 30 मई 2008 से 31 जुलाई 2011
- 17 मई 2018 से 19 मई 2018
अब सबसे बड़ा सवाल जहन में आता है कि येदियुरप्पा के साथ ऐसा क्यों होता है? इस बार फिर लगता है येदियुरप्पा नहीं है कि वो आखिर कब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहेंगे, इसलिए अच्छी किस्मत के लिए उन्होंने अपने नाम की स्पेलिंग ही बदल ली है। राज्यपाल को जो पत्र उन्होंने सौंपा है उसमें उन्होंने अपने नाम में से एक ‘D’ घटाया है और एक ‘I’ को जोड़ा है। दरअसल, बीएस येदियुरप्पा अभी तक अपने नाम की स्पेलिंग B.S. Yeddyurappa लिखते आए हैं, लेकिन अब राज्यपाल को जो उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया है, उसमें B.S. Yediyurappa लिखा है।
एक नजर येदियुरप्पा के सियासी सफ़र परयेदियुरप्पा पहली बार 12 नवंबर, 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। सीएम बनने के बाद आठवें ही दिन 19 नवंबर, 2007 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। गठबंधन सरकार में हुए समझौते के अनुसार मुख्यमंत्री पद पर दोनों दलों के नेताओं को बराबर-बराबर वक्त तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहना था। समझौते के तहत येदियुरप्पा ने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को फरवरी, 2006 में सीएम बनवा दिया था, लेकिन जब अक्टूबर, 2007 में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का वक्त आया तो कुमारस्वामी मुकर गए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
नवंबर, 2007 में राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ। 12 नवंबर 2007 को येदियुरप्पा कर्नाटक के सीएम बने। लेकिन मंत्रालयों में बंटवारे को लेकर विवाद हुआ और उनको 19 नवंबर, 2007 को त्यागपत्र देना पड़ा।
इसके बाद वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली। येदियुरप्पा ने 30 मई 2008 को दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के मामलों में उनका नाम लिया। बीजेपी दबाव में आ गई फिर उन्होंने 31 जुलाई 2011 को पद से इस्तीफा दे दिया।
मई 2018 में बीजेपी को बहुमत से आठ सीटें कम मिलीं। फिर भी राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी के नाते उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया। 17 मई 2018 को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली। लेकिन वो बहुमत साबित करने का जादुई आंकड़ा नहीं जुटा सके। इसलिए इसलिए 23 मई को इमोशनल भाषण के साथ उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। उसके बाद कांग्रेस के सहयोग से जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी सीएम बने। अब कुमारस्वामी की सरकार गिर गई है। येदियुरप्पा चौथी बार सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। देखना ये है कि उनका यह कार्यकाल पूरा होता है या नहीं?