अलीगढ़ केस: सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह से रहें दूर, जानिए मासूम बच्ची की हत्या के पीछे का पूरा सच

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में महज दस हज़ार रुपयों के लिए एक ढाई साल की बच्ची की बेरहमी से हत्या और उसके शव को कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया था। 30 मई को गायब हुई बच्ची का शव बाद में घर के पास के कूड़ाघर में 2 जून को सड़ी गली हालत में मिला।

इन 5 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिन पुलिसवालों का निलंबन किया गया है उनमें कुशलपाल सिंह (इंस्पेक्टर), सत्यवीर सिंह ( एसआई) अरविंद कुमार (एसआई), शमीम अहमद (एसआई), राहुल यादव (कांस्टेबल) हैं।

तीसरा आरोपी गिरफ्तार, एक अभी भी फरार

इस मामले में पुलिस ने एसआईटी बना दी है जो जांच करेगी। एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि पुलिस अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ेगी। पुलिस ने कल दो आरोपी (जाहिद और असलम) को गिरफ्तार किया है। वही आज पुलिस ने इस हत्या में लिप्त तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम मेहंदी है। वह दूसरे आरोपी मोहम्मद जाहिद का भाई है। सूत्रों के मुताबिक जब बच्ची की लाश मिली थी तो मेहंदी मौके से फरार हो गया था। भागते वक्त मेहंदी ने कहा था जिसको जो करना है कर लो। बता दें कि इस मामले में 4 आरोपी हैं।

आरोपी ज़ाहिद ने कबूला जुर्म

इस ख़ौफ़नाक वारदात से पैदा ग़म और गुस्सा अलीगढ़ और उसके बाहर तक पसरा हुआ है। सिनेमा और राजनीति से जुड़ी शख़्सियतों का गुस्सा सोशल मीडिया पर दिख रहा है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मुताबिक़ एक आरोपी ज़ाहिद ने जुर्म क़बूल कर लिया है। उसने बताया कि 10,000 रुपये को लेकर उसका परिवार से विवाद चल रहा था जो उस पर बकाया था। वहीं दूसरे आरोपी की भूमिका अभी तक साफ़ नहीं है। लेकिन ये बात सामने आई है कि उस पर अपनी ही बेटी के साथ रेप का आरोप है। पुलिस ने दोनों को रासुका के तहत गिरफ़्तार किया है।

सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह से रहें दूर

पुलिस ने इस मामले में सोशल मीडिया पर चल रही अफ़वाहों को भी दूर करने की कोशिश की है। साफ़ किया है कि बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ है और न ही उसकी आंखें निकाली गई हैं। शव बुरी तरह क्षत-विक्षत है, इसलिए ऐसा लग रहा है। पांच पुलिसवालों को निलंबित भी कर दिया है।

'मासूम की पहचान उजागर न हो'

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि बच्ची की पहचान उजागर करना पॉक्सो कानून, 2012 की धारा 23 और जेजे कानून, 2015 की धारा 74 के तहत दंडनीय अपराध है। परामर्श में कहा गया है, 'प्रशासन और पुलिस इस संबंध में उचित कार्रवाई कर रही है। मीडिया संगठनों को रिपोर्टिंग करते समय बहुत ही सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है ताकि बच्ची की पहचान उजागर न हो, क्योंकि यह दंडनीय अपराध है।'

जुआरी है मोहम्मद जाहिद

बता दे, जेल में बंद मोहम्मद जाहिद और मोहम्मद असलम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाला मोहम्मद जाहिद एक अच्छा खासा जुआरी है। उसके दोस्त उसे सट्टा किंग के नाम से भी बुलाते हैं। वहीं मामले में एक और आरोपी मोहम्मद असलम बच्ची की बेरहमी से हत्या करने से पहले और भी कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।

उसे पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे अपनी रिश्तेदार की बच्ची के साथ यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। असलम को 2014 में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। दूसरा मामला दिल्ली के गोकुलपुरी का है। उस पर 2017 में छेड़छाड़ और अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। इतना ही नहीं उसने करीब एक साल पहले अपनी पत्नी की पिटाई की थी। हालांकि लोगों ने बीच बचाव किया था।