भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को फैसला सुनाएगी ब्रिटिश कोर्ट

लंदन का वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या Vijay Mallya के प्रत्यर्पण मामले में 10 दिसंबर को फैसला सुनाएगा। भारत की तरफ से किए गए प्रत्यर्पण के आग्रह पर सुनवाई कर रही वेस्टमिंस्टर कोर्ट की जज एम्मा आर्बुथनॉट ने बुधवार को दोनों पक्षों की फाइनल बहस सुनने के बाद ये तारीख तय किया। फैसला आने तक माल्या को इस मामले में मिली जमानत बरकरार रहेगी। बता दे, माल्या पिछले साल अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर है। उसपर भारत में करीब 9 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप हैं।

इससे पहले सुनवाई के दौरान माल्या के वकीलों ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट के सामने भारत सरकार की तरफ से रखे गए सबूतों को सरासर निराधार बताया। साथ ही आर्थर रोड जेल के वीडियो की भी आलोचना की। माल्या की वकील क्लेर मोंटगोमेरी ने कहा कि बैरक में ताजा पेंट किया गया है और वहां कृत्रिम तरीके से प्रकाश दिखाने की कोशिश की गई, जो वहां है ही नहीं। माल्या की वकील ने मांग की कि कोर्ट एक स्वतंत्र जांच दल को जेल की बैरक का निरीक्षण करने भेजे, जो ये तय करे कि यह बैरक ब्रिटिश मानवाधिकार मानकों को पूरा करती है या नहीं। उन्होंने ये भी दावा किया कि वीडियो में दिखाई गई बैरक इससे पहले भारतीय अधिकारियों की तरफ से दिए गए फोटो से मेल नहीं खाती है।

बता दें कि वेस्टमिंस्टर कोर्ट में प्रत्यर्पण की सुनवाई के बाद माल्या ने एक बयान में दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने मामला सुलझाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या के इस बयान के बाद सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है।

विपक्ष का सरकार पर हमला

- कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला और कहा कि इस पूरे प्रकरण पर 'व्यापक स्पष्टीकरण तथा अधिक जांच' की जरूरत है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी सवाल किया कि माल्या के बारे में सब कुछ पता होने के बावजूद उसे देश के बाहर क्यों जाने दिया गया? उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस बार-बार कहती आ रही है माल्या, नीरव मोदी और कई अन्य लोगों को जानबूझकर बाहर जाने दिया गया। माल्या ने जो कहा है उस पर वित्त मंत्री की तरफ से और स्पष्ट एवं विस्तृत जवाब आना चाहिए।' सिंघवी ने कहा, 'माल्या ने दो चीजे कही हैं। पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी। इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए।

- कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास' भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा, 'मोदी जी, आपने ललित मोदी, नीरव मोदी 'हमारे मेहुल भाई', अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों रुपये लुटवा, विदेश भगा दिया। विजय माल्या, तो अरुण जेटली से मिलकर, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है!

- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को 'पूरी तरह से सकते' में डालने वाला बताया। कई ट्वीटों की श्रृंखला में केजरीवाल ने पूछा, 'वित्त मंत्री अब तक यह सूचना क्यों छुपा कर रखे हुए थे।' केजरीवाल ने इसे बेहद सकते में डालने वाला बताया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं। विजय माल्या के देश से छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है।'

बता दे, भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाए जाने के बाद मुंबई की आर्थर रोड जेल की जिस बैरक में रखा जाएगा, उस बैरक संख्या-12 का वीडियो बुधवार को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में जज के सामने पेश किया गया। इस दौरान मौजूद माल्या ने भी वीडियो देखा और उसके बाद व्यंग्यात्मक ढंग से टिप्पणी करते हुए इस वीडियो को बहुत अच्छा बताया। हालांकि माल्या ने बाद में मीडिया से कहा कि वे इस पर कोई कमेंट नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि वे इस मामले में बलि का बकरा बनाए जा रहे हैं, जिसे दोनों पार्टियां (कांग्रेस व भाजपा) पसंद नहीं करती हैं।