देश के सबसे लंबा रोड-रेल ब्रिज बनकर तैयार है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस ब्रिज का उद्घाटन 25 दिसंबर को पीएम मोदी करने जा रहे हैं। ये ब्रिज भारत का पहला पूर्णत: वेल्डेट ब्रिज है। ये ब्रिज 4.98 किमी लंबा है। ये डिब्रूगढ़ और धेमाजी को आपस में जोड़ता है। ये करीब 50 लाख लोगों के जीवन को आसान बनाने वाला ब्रिज है। ये ऊपरी असम को अरुणाचल से भी जोड़ता है। इस ब्रिज के बनने से नॉर्थ ईस्ट के हिस्से में आवाजाही और आसान हो जाएगी। इसके अलावा सामरिक दृष्टि से सेना की पहुंच भी सुगम हो जाएगी। वैसे तो इस ब्रिज की कई खासियत हैं, लेकिन इसके अलावा भी एक ऐसी विशेषता है, जो इस ब्रिज को बेहद खास बनाती है।
झेल सकता है 7.0 का भूकंप : इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर आरवीआर किशोर का कहना है कि ये ब्रिज भूकंप रोधी जोन में आता है। तकनीकी लिहाज से बात करें तो ये सिसमिक जोन -V में आता है। यहां पर 7 या उससे ज्यादा तीव्रता के भूकंप आना बड़ी बात नहीं है। ऐसे में इसे उसी तरह तैयार किया गया है अगर 7.0 का भूकंप भी आता है तो इस ब्रिज को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा इस ब्रिज से 1700 टन का वजन गुजारा जा सकता है। युद्ध जैसे हालात में भारी भरकम टैंक भी इससे निकल सकते हैं।