कंगना रनौत का महाराष्ट्र सरकार पर हमला, बताया 'गुंडा सरकार', कहा - सोनिया सेना, बाबर सेना से भी बदतर

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने महाराष्ट्र सरकार को गुंडा सरकार कहा। महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने को लेकर राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र सरकार को लिखे खत के बाद कंगना रनौत ने ये बात कही। कंगना ने ट्वीट किया कि यह जानकर अच्छा लगा कि राज्यपाल महोदय द्वारा गुंडा सरकार से पूछताछ की जा रही है। गुंडों ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन रणनीतिक रूप से मंदिरों को बंद रखा है। सोनिया सेना, बाबर सेना से भी बदतर व्यवहार कर रही है।

बता दें कि कोरोना के कारण महाराष्ट्र में पिछले 6 महीने से बंद मंदिरों को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए उन्हें धार्मिक स्थलों को खोलने को कहा है। सबसे पहले राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। अपनी चिट्ठी में राज्यपाल ने कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गया। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए।

राज्यपाल के इस पत्र पर उद्धव ने भी पलटवार किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना PoK से करते हैं उनका स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता है। सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा?' उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के इस जवाब में लिखा है कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों का भी ध्यान रखना चाहिए। मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) से करते हैं, उनका स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता। सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा क्या?

राज्यपाल ने क्या लिखा चिट्टी में?

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में कहा कि 1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं। राज्यपाल ने कहा, 'यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।'

कोश्यारी ने कहा, 'आपने आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है? दिल्ली में पूजा स्थल खोले गए हैं लेकिन कोविड -19 मामलों में वृद्धि हुई है।'