बीती 10 अप्रैल को कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल नायक दीपक नैनवाल के पुणे के पैराप्लेजिक रिहैब सेंटर में रविवार को अंतिम सांस लेने के बाद सोमवार को उनका पार्थिव शरीर दून लाया गया। आज हरिद्वार में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सेना का दल और शहीद दीपक नैनवाल के परिजन सोमवार को नैनवाल का पार्थिव शरीर पुणे से लेकर दून पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर नैनवाल के परिजन व रिश्तेदार पहले से शहीद दीपक के पार्थिव शरीर के इंतजार में खड़े थे। पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से बाहर निकलते देख यहां खड़े सभी की आंखों में आंसू आ गए। 9 महार बटालियन के सैनिक भी एयरपोर्ट पहुंचे थे। जहां से शहीद का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से मिलिट्री अस्पताल देहरादून लाया गया।
ताबूत में रखे शव को देख कर घर में कोहराम मच गया। वहीं पूरा इलाका अमर शहीद दीपक नैनवाल अमर रहे के नारों से गूंज उठा। इस दौरान मासूम बेटी कुछ ऐसा बोल पड़ी कि सबका दिल भर आया।
पूर्व सेना अधिकारी पिता चक्रधर नैनवाल ने कहा बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन इस उम्र में बेटे के शव को कंधा देना जिंदगी का सबसे बड़ा दुख है। शहीद दीपक की मासूम बेटी समृद्धि ने कहा पापा आसमान में स्टार बन गए हैं। यह बात जिसने भी सुनी उसकी आंखें भर आई।
सेना की नाइन महार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर अजय सिंह शेखावत समेत सेना की तमाम अफसरों ने अमर शहीद को श्रद्धांजलि दी। कमांडिंग ऑफिसर विजय सिंह शेखावत ने कहा सेना ने बेहद अनुशासित कमांडो को खो दिया है।
बता दें कि नैनवाल परिवार की तीन पीढ़ी नई देश की रक्षा में अपना अहम योगदान दिया है। पिता चक्रधर नैनवाल सेना ने 10 गढ़वाल राइफल में नौकरी करते हुए 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध और बेलीपार ऑपरेशन में हिस्सा लिया। वहीं दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे और देश की आजादी में अहम योगदान दिया।