उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में बढ़ा ब्लैक फंगस का प्रकोप

कोरोना संकट के बीच म्यूकोर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस ने चिंता और बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का खतरा बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में 73 मरीज सामने आए हैं। इनमें कानपुर में 2 मरीजों की मौत हो चुकी है। मथुरा में 2 और लखनऊ में एक मरीज की आंखों की रोशनी जा चुकी है। सर्वाधिक मरीज 20 मरीज वाराणसी में सामने आए हैं। केजीएमयू नेत्र रोग विभाग के डॉ संजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक ब्लैक फंगस की चपेट में आए 8 मरीज केजीएमयू में भर्ती हैं। इनकी आंखों की रोशनी पर असर आ चुका है। जरूरी दवाएं दी जा रही हैं। इनमें तीन मरीजों की रोशनी काफी हद तक प्रभावित है।

यूपी में कहां कितने मरीज


वाराणसी में 20 केस
लखनऊ में 15 केस
गोरखपुर मंडल में 10 केस
प्रयागराज में 6 केस
गौतमबुद्ध नगर में 5 केस
मेरठ में 4 केस
कानपुर, मथुरा, गाजियाबाद, मथुरा में 3-3
आगरा में 1 केस

30 से अधिक मरीज

छत्तीसगढ़ में रायपुर के चार अस्पतालों में 30 से अधिक मरीज मिले हैं। वहीं, रामकृष्ण अस्पताल में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस की वजह से रायपुर निवासी 40 वर्षीया एक महिला के आंख की रोशनी चली गई।

5 मरीजों की मौत


मध्य प्रदेश के इंदौर में अब तक 4 और नरसिंहपुर में 1 मरीज की मौत हो गई है। छत्तीसगढ़ में अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले संक्रमित महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में ब्लैक फंगस की पहचान की गई। इस बीच महिला की एक आंख की रोशनी चली गई है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में चार व नरसिंहपुर में एक मरीज की मौत इस बीमारी से होने की पुष्टि हुई है। नरसिंहपुर जिले में अब तक पांच मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। एक मरीज की आंख निकालनी पड़ी। उसका आपरेशन जबलपुर में हुआ, जबकि एक मरीज की 10 मई को मौत हो चुकी है। सिवनी में भी एक मरीज मिला है।

बुधवार को राज्य सरकार ने भी 50 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि की थी। ब्लैक फंगल संक्रमण के मरीजों की संख्या यकायक बढ़ने से डॉक्टर भी हैरान हैं।

इंदौर के बॉम्बे अस्पताल के न्यूरो फिजिशियन डा आलोक मांदलिया के मुताबिक एक माह में हमारे अस्पताल में इस संक्रमण के 75 से 80 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 20 को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई और अभी 50 का इलाज जारी है। संक्रमण अधिक होने के कारण चार लोगों की आंखें निकालनी पड़ी, वहीं चार लोगों की मौत भी हो चुकी है।

मई में मिले 6 मरीज

हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस कहर बरपा रहा है। पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस रोहतक में सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक आठ महीने में जहां इस बीमारी के 21 केस आए थे, लेकिन मई माह में ही 6 नए मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी मरीजों का आपरेशन होना है। एक गंभीर मरीज की मौत हो गई है। इसके अलावा गुरुग्राम में 14, फरीदाबाद में 6, करनाल में 2 और फतेहाबाद तथा झज्जर में 1-1 केस मिले हैं।

ब्लैक फंगस के 14 मामले

राजस्‍थान में ब्‍लैक फंगस के मामले अब तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। पिछले 24 घंटे की बात करें तो जयपुर में ब्लैक फंगस के 14 मामले सामने आए हैं। ब्‍लैक फंगस से संक्रमित कई मरीजों की आंख तक जा चुकी है।

20 से अधिक लोग ब्लैक फंगस की चपेट में


पंजाब के लुधियाना में 20 से अधिक लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं और उनका डीएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। ऐसे अधिकतर मरीजों की उम्र 40 से 65 वर्ष के बीच है।

उधर, राज्य में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है। औषधि विभाग द्वारा जिला स्तर पर बीमारी में कारगर दवा पोसाकोनाजोल, एम्प्रोटेरेसिन-बी को आवश्यक दवाओं की श्रेणी में रखा गया है। इन दवाओं का पहले ज्यादा उपयोग नहीं होने की वजह से थोक दवा बाजार में यह न के बराबर उपलब्ध है। रायपुर दवा विक्रेता संघ के मुताबिक थोक दवा बाजार में पोसाकोनाजोल का स्टाक शून्य और एम्प्रोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के 100 वायल उपलब्ध थे। जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि पोसाकोनाजोल, एम्प्रोटेरेसिन-बी की मांग काफी कम होती थी, इसलिए बाजार में न के बराबर उपलब्ध है।

सरकार ने जारी की एडवाइजरी


म्यूकर माइकोसिस नाम के फंगस इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने कहा है कि अनदेखी करने से यह इंफेक्शन जानलेवा हो सकता है। इसलिए बचाव के कदम उठाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट को लेकर प्रमाण आधारित एडवाइजरी जारी की है।

ये हैं कारण

- अनियंत्रित डायबिटीज- स्टेरॉयड के कारण इम्यूनोसप्रेशन

- ज्यादा समय आइसीयू में रहना

लक्षण

- नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना

- गाल की हड्डी दर्द करना

- चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन आना

- दांत दर्द, दांत टूटना

- जबड़े में दर्द

- दर्द के साथ धुंधला या दोहरा दिखाई देना

- सीने में दर्द और सांस में परेशानी

ऐसे बचें

- धूल भरी जगह पर मास्क लगाकर रहें

- मिट्टी और खाद का काम करते समय शरीर को जूते, ग्लव्स से पूरी तरह ढंककर रखें

- स्क्रब बाथ के जरिये सफाई पर पूरा ध्यान दें

क्या करें?

- खून में शुगर की ज्यादा मात्रा (हाइपरग्लाइसेमिया) नियंत्रित करें

- डायबिटिक लोग और कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें

- स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें

- एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल ध्यान से करें

क्या न करें?

- लक्षणों की अनदेखी न करें

- फंगस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए जांच कराने में न हिचकिचाएं

- समय पर इलाज जरूरी है, इसलिए वक्त न गंवाएं

- पता चलने के बाद इन बातों का रखें ध्यान

- डायबिटीज को कंट्रोल रखें

- स्टेरॉयड लेते हैं तो मात्रा कम करें और जल्द ही इस्तेमाल रोक दें

- इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का इस्तेमाल रोक दें

- अन्य जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़े कदम उठाएं