खराब सेहत की वजह से जेटली के मंत्री बनने की संभावना कम, पीयूष गोयल बन सकते हैं वित्तमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल में खराब सेहत की वजह से वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) के मंत्री बनने की संभावना नहीं लगती। सूत्रों के मुताबिक जेटली को अपनी एक बीमारी, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, के इलाज के लिए अमेरिका या ब्रिटेन जाना पड़ सकता है और इन कारणों से वह संभवत: नई सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे। बता दें, पिछले कुछ महीने से अरुण जेटली (Arun Jaitley) की तबीयत काफी खराब चल रही है। ऐसे में चर्चा चल रही हैं कि पीयूष गोयल (Piyush Goel) को उनकी जगह वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि जेटली की जगह गोयल वित्तमंत्री बनाए जा सकते हैं क्योंकि उन्होंने मंत्रालय का पदभार संभाला है। उन्होंने कहा कि आगे बजट पेश करना है और आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाना है, इसके अलावा आर्थिक सुस्ती का भी सवाल है, ऐसे में मोदी किसी नए चेहरे को यह कार्यभार नहीं सौंप सकते हैं। हालांकि मंत्रियों की नियुक्ति के संबंध में इस चर्चा की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बहरहाल, इस विषय में विचार-विमर्श चल रहा है।

बता दे, जेटली को इसी सप्ताह कुछ जांच कराने और इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी, लेकिन वह शाम को बीजेपी मुख्यालय में आम चुनाव में बीजेपी की प्रचंड विजय के जश्न में शामिल नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक जेटली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री पद के इच्छुक नहीं लगते और संभवत: वह बिना मंत्रालय के मंत्री जैसा पद भी नहीं रखने की अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि 66 साल के जेटली बहुत कमजोर हो गये हैं और पिछले कुछ सप्ताह में उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ गई है। उनके गले में भी समस्या है जिसकी वजह से वह लंबे समय तक बोल नहीं सकते। जेटली ने पिछले साल मई में किडनी प्रतिरोपण कराया था और उसके बाद से उनकी सेहत में गिरावट देखी जा रही है। वित्त मंत्री का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें आगे उपचार के लिए ब्रिटेन या अमेरिका जाने की सलाह दी है। जेटली विदेश जाने के बारे में अगले कुछ दिन में फैसला लेंगे। वह पिछले तीन सप्ताह से दफ्तर नहीं गये हैं और सार्वजनिक तौर पर भी उन्हें बहुत कम देखा गया है। हालांकि वह ब्लॉग लगातार लिख रहे हैं और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की जीत पर भी उन्होंने ट्वीट किया।

जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक में भी भाग नहीं लिया

जेटली ने शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी भाग नहीं लिया जिसमें सोलहवीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। हालांकि सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने आवास पर उनके मंत्रालयों के सभी पांच सचिवों के साथ नियमित बैठक की। पेशे से वकील रहे जेटली मोदी सरकार के अति महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं और कई बार सरकार के मुख्य संकट मोचक की भूमिका निभा चुके हैं। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने संसद में अनेक आर्थिक विधेयक पारित कराये जिनमें जीएसटी प्रमुख है। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को 'तीन तलाक' देने के चलन पर रोक लगाने वाले विधेयक समेत कई अन्य कानून पारित कराने में सरकार की ओर से अहम भूमिका निभाई।

पीएम का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई को हो सकता है

बता दे, लोकसभा चुनाव 2019 के रण को जीतकर पीएम मोदी एक बार फिर से पीएम बनने जा रहे हैं। पीएम का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई को हो सकता है। 303 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। अब निगाहें नई सरकार की गठन पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इसके साथ ही उन्‍होंने राष्‍ट्रपत‍ि रामनाथ कोव‍िंद को अपना इस्‍तीफा सौंप द‍िया। राष्‍ट्रपति ने पीएम का इस्‍तीफा मंजूर कर लिया। इसके साथ ही उन्‍होंने अगली सरकार बनने तक पीएम और उनके मंत्र‍िमंडल को काम करते रहने के लिए कहा है।

2014 में अमृतसर से हार गये थे जेटली

मोदी सरकार के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले जेटली ने इस बार खराब सेहत की वजह से लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। 2014 में वह अपना पहला लोकसभा चुनाव अमृतसर से हार गये थे। कई साल तक बीजेपी के प्रवक्ता रहे जेटली ने 47 साल की उम्र में संसद में प्रवेश किया था। तब वह गुजरात से राज्यसभा में मनोनीत किये गये थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे। गत 22 जनवरी को जेटली ने अमेरिका में एक सर्जरी कराई थी। बताया गया कि यह उनके बांये पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के लिए की गयी थी। इस कारण से उन्होंने मोदी सरकार का छठा और इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश नहीं किया।