बिहार / पुल टूटने पर पीडब्ल्यूडी मंत्री का बेतुका बयान, कहा- प्राकृतिक आपदा में सड़कें और पुल बह जाते हैं

बिहार के गोपलगंज जिले में गंडक नदी पर तकरीबन 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु कल पानी के दबाव से धराशायी हो गया। 29 दिन पहले 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था। पुल के टूटने पर राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री नंद किशोर यादव ने बेतुका बयान देते हुए कहा है कि यह प्राकृतिक आपदा की वजह से हुआ है, इसमें तो सड़कें और पुल टूटते ही हैं।

मंत्री नंद किशोर ने कहा कि सत्तरघाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। मुख्य सत्तरघाट पुल से दो किमी दूर एक अप्रोच रोड है, जो पानी के कटाव की वजह से बह गया है। यह प्राकृतिक आपदा है। इसमें तो सड़कें और पुल बह जाते हैं। यादव ने कहा है कि पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से मिट्टी का कटाव हुआ, जिसकी वजह से पुल ढहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृति आपदा की वजह से यह आफत आई है। इस पर आरजेडी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टूटे हुए हिस्से को जल्द ठीक कराएंगे।

दरअसल, मानसून के प्रवेश करने के बाद से ही बिहार में बारिश और बाढ़ ने अपना कहर मचा रखा है। नदी का जलस्तर बढ़ने और भारी बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा टूट गया। इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है।

इस टूटे हुए पुल का वीडियो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए नीतीश सरकार पर तंज कसा है। तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, '8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था। आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है।