बिहार: नालंदा के बाद अररिया में भी मॉब लिंचिंग, जान की भीख मांगता रहा काबुल, पशु चोरी के शक में पीट-पीटकर मार डाला

बिहार में 24 घंटों के अंदर मॉब लिंचिंग की तीसरी वारदात सामने आई है। अररिया के सिकटी थाना छेत्र के सिमरबनी गांव में मवेशी चोरी के शक में ग्रामीणों ने रानिकटता गांव के एक बुजर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पशु चोरी के शक में 55 साल के बुजुर्ग काबुल को करीब 300 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर कर मार डाला। भीड़ द्वारा काबुल को मारे जाने का वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें काबुल भीड़ से जान की भीख मांग रहा है। लेकिन भीड़ में से किसी का भी दिल नहीं पसीजा। भीड़ उसे तब तक मारती रही, जब तक उसकी जान नहीं चली गई।

वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ उसके चेहरे पर डंडों से वार कर रही है और चोर कह रही है। हमलावरों का नेतृत्व कर रहा मुस्लिम मियां नाम का युवक हंसते हुए भीड़ को हमले के लिए उकसा रहा है। भीड़ ने बुजुर्ग की पैंट भी निकाल दी थी। वीडियो में कई हमलावरों के चेहरे साफ नजर आ रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उनमें से अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। गांव के पूर्व प्रधान काबुल टूटी हुई आवाज में भीड़ को कह रहा है कि उसने पशु चोरी नहीं की है, लेकिन उसकी कोई बात नहीं सुनी गई।

मुस्लिम मियां ने पहले भी काबुल के खिलाफ पशु चोरी का मामला दर्ज करवाया था। यह घटना दरअसल शनिवार की है लेकिन इसका एक वीडियो बुधवार को वायरल हुआ है जिसके बाद पुलिस हरकत में आई है। वीडियो वायरल होने के बाद से गांव में तनाव का माहौल है और लोग आक्रोशित हैं। वहीं, अररिया एसडीपीओ ने कहा है कि इस मामले का वायरल वीडियो पुलिस को भी मिला है और फिलहाल पुलिस वीडियो की भी जांच कर रही है। एसडीपीओ का कहना है कि पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। मारा गया शख्स अपराधी प्रवृति का था और पुलिस ने पिछले महीने ही उसके घर से नेपाल से लूटी रायफल बरामद की थी। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले की निंदा करते हुए ट्वीट किया और नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को 'लिंच-विहार' बना दिया है।

आपको बता दें कि, बुधवार को नालंदा और अररिया में मॉब लिंचिंग में तीन लोगों की मौत हो गई। नालंदा में आरजेडी के स्थानीय नेता इंदल पासवान की हत्या के बाद शक के आधार पर घरों में घुसकर ग्रामीणों ने दो लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने किसी तरह वहां से दोनों को निकालने की कोशिश की थी लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।

बता दें, हाल ही में बिहार के सीतामढ़ी में 82 वर्षीय बुजुर्ग की भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) करने का मामला सामने आया था। जिसको लेकर विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार की सरकार को निशाने पर लिया था। सीतामढ़ी हिंसा में उन्मादी भीड़ ने पहले बुजुर्ग जैनुल अंसारी का गला रेता और उसके बाद चौक पर जिंदा जला दिया था। परिवार को इस घटना का पता तीन दिन बाद चल पाया। दरअसल, हिंसा के दौरान सीतामढ़ी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, लेकिन हत्या के तीन दिन बाद जब एक घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बहाल की गई तब जैनुल अंसारी के परिजनों को एक वायरल फोटो मिला, जो उनकी हत्या का था। प्रशासन के दबाव की वजह से जैनुल अंसारी के परिजनों को उनका शव पैतृक गांव से 75 किलोमीटर दूर मुज़फ़्फ़रपुर में दफ़नाना पड़ा था।