पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राम रहीम को बड़ी राहत, रणजीत सिंह हत्याकांड में दोष मुक्त करार

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रणजीत सिंह हत्याकांड में दोष मुक्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दिए गए फैसले को रद्द कर दिया और राम रहीम सहित चार अन्य को बरी कर दिया है। पंचकूला की विशेष अदालत ने पहले इस मामले में सजा का एलान किया था, जिसे बाद में हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।

पंचकूला की विशेष अदालत ने रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। सभी दोषियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने गुरमीत राम रहीम को फांसी की सजा देने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। दूसरी ओर, गुरमीत राम रहीम के वकील अजय वर्मन ने कहा था कि वह इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

उम्र कैद की सजा के खिलाफ राम रहीम ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने उसकी अपील पर मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है। इस मामले में अभी विस्तृत आदेश आना बाकी है।

रणजीत सिंह सिरसा डेरे का प्रबंधक था। एक शक की वजह से 22 साल पहले रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। 10 जुलाई 2002 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

एक गुमनाम साध्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में राम रहीम की जांच की मांग की गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।

ये वही गुमनाम चिट्ठी है जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’में छापा। जिसकी वजह से 24 अक्तूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला कर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई थी।

पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। हाई कोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।

2021 में सीबीआई की अदालत ने गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम सिंह को 20 साल की सजा हुई है। इन दिनों राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में है।