नागरिकता कानून के विरोध में शुक्रवार को जामा मस्जिद पर विशाल प्रदर्शन, हाथों में होंगी संविधान की प्रतियां

नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश के कई शहरों में प्रदर्शन जारी है। आज गुरुवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए गए। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से दिल्ली पुलिस ने स्थान छोड़ने को कहा है। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का हवाला देते हुए जंतर-मंतर खाली करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार, शाम 5 बजे के बाद कोई भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन नहीं कर सकता। वही खबर है कि दिल्ली में शुक्रवार को ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। इस प्रदर्शन में लाखों लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है। योजना के मुताबिक दलित युवा और मुस्लिम समाज के कई शीर्ष नेता जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ेंगे और नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और एनआरसी का विरोध करेंगे। इसके बाद जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक एक मार्च निकालने की योजना है। इस मार्च के दौरान भी सभी प्रदर्शनकारियों के हाथों में संविधान की प्रतियां होगी और सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को वापस लेने की अपील भी की जाएगी।

जामा मस्जिद और लालकिले के आसपास धारा 144

दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और सीलमपुर-जाफराबाद में हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के तौर पर पहले ही जामा मस्जिद एरिया में फ्लैग मार्च किया है। इसके साथ ही पुलिस ने जामा मस्जिद और लालकिले के आसपास धारा 144 लगा दी है, जिसके अंतर्गत एक जगह पर भीड़ को एकत्र नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में टकराव की आशंका पैदा हो गई है। भीम आर्मी के मीडिया संयोजक कुश का कहना है कि यह यह आयोजन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। सभी प्रदर्शनकारी बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की प्रतियां हाथ में लेकर चलेंगे और संविधान की मूल आत्मा को बचाए रखने की अपील करेंगे। ऐसे में उनके सहयोगी राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन में शांति बनाये रखने के उद्देश्य से बाहरी लोगों को इसमें भाग लेने के लिए नहीं बुलाया गया है।

वही जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 पर कहा है कि इससे केवल बाहर से आने वाले मुसलमानों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी। लेकिन इस कानून से भारतीय मुसलमानों के अधिकारों पर कोई असर नहीं होगा।