कोरोना वैक्सीन की उम्मीदों को लगा बड़ा झटका, वॉलंटियर पड़ा बीमार तो इस कंपनी ने रोका ट्रायल

अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) कंपनी ने फिलहाल अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अस्थायी रूप से रोक दिया है। कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगा दी है।

जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि प्रतिभागी की बीमारी की समीक्षा और मूल्यांकन एक स्वतंत्र डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड के साथ-साथ कंपनी के क्लिनिकल ​​और सुरक्षा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि बड़े ट्रायल में ऐसे अस्थायी रोक चलते रहते हैं, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया जाता हो।

इस महीने की शुरुआत में जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में वैक्सीन बनाने वालों की शॉर्ट लिस्ट में शामिल हुआ है। जॉनसन एंड जॉनसन की एडी26-सीओवी2-एस वैक्सीन अमेरिका में चौथी ऐसी वैक्सीन है, जो क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी फेज में है। पिछली बार की रिपोर्ट में कहा गया था कि वैक्सीन ने शुरुआती स्टडी में कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स दिया है। रिसर्चर्स ने कहा था कि अब तक के क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट के आधार पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं थे।

जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि यह अध्ययन पर रोक लगाई गई है। इसका मेडिकल से जुड़े रेगुलटरी बोर्ड की ओर से ट्रायल को रोके जाने से कोई मतलब नहीं है। जॉनसन एंड जॉनसन का कदम एस्ट्राजेनेका पीएलसी की तरह ही है। सितंबर में, AstraZeneca AZN।L ने अपने वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल पर रोक लगा दी थी।

एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगाई थी। हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर से शुरू हो गए हैं, लेकिन अमेरिकी में ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है।

जॉनसन एंड जॉनसन ने हाल ही में इस वैक्सीन के आखिरी फेज का ट्रायल शुरू किया था। कंपनी ने तब कहा था कि इसके तहत अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको और पेरू में 60 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगने की खबर जाहिर तौर पर एक बड़ा झटका है। इससे पहले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी गई थी।

वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉ विलियम शेफ़नर ने ईमेल द्वारा कहा कि AstraZeneca AZN।L के साथ जो हुआ उससे हर कोई अलर्ट पर है। यह एक गंभीर प्रतिकूल घटना होगी। यदि यह प्रोस्टेट कैंसर, अनियंत्रित मधुमेह या दिल का दौरा पड़ने जैसा कुछ था - उन्होंने इस कारण से ट्रायल नहीं रोका होगा।

आपको बता दे, दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.80 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 85 लाख 92 हजार 312 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.85 लाख के पार हो चुका है।